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इतनी नफरत की पी जाएं मोदी का खून : बिहार पुलिस का इंस्पेक्टर इस्लाम अंसारी हटाया गया



उसकी छाती पर वर्दी थी और उसको सब समाज , संविधान और कानून का रक्षक मानते थे लेकिन वो क़ानून की रक्षा क्या करता जिसकी नस नस में भरी थी भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कूट कूट का नफरत और इस नफरत को उसने निकाल कर रख दिया जमीन पर और दिखा दिया सबको जब उस से नहीं रहा गया . अचानक ही एक इंस्पेक्टर का जिहादी रूप देख कर बिहार ही नहीं पूरे भारत में हर कोई हैरान है और मांग इस मुद्दे की भी उठने लगी है कि इसके पुराने कार्यों की जांच भी हो जिस से कम से कम एकपक्षीय कार्यवाही इसके हाथ से पुराने कार्यकाल में न हुई हो इसका खुलासा हो .

ज्ञात हो कि खुद से ही एक फोटो जिसमे भारत का सबसे बड़ा दुश्मन आतंकी हाफिज सईद और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक दूसरे से हाथ मिलाते एडिट कर दिया गया था इसको बिहार पुलिस के खगड़िया इसंपेक्टर मोहम्मद इस्लाम अंसारी ने व्हाट्सएप ग्रुप में डाला और इतना ही नहीं उसमे सबसे पूछने भी लगा कि 'हाफिज सईद और मोदी पाकिस्तान में मिलते हुए, देशद्रोही गद्दार कौन'।

यह व्हाट्स एप ग्रुप था जदयू उद्योग प्रकोष्ठ का जिसमे इंस्पेक्टर मो. इस्लाम अंसारी ने अपने मोबाइल नंबर 9939815000 से पीएम नरेंद्री मोदी और आतंकी हाफिज सईद का हाथ मिलाते हुए फोटो डाला . ये फोटो एडिट कर के डाला गया था . मामले की जानकारी ऊपर तक हुई तो प्रशासन सकते में आ गया और ऐसी जेहादी सोच वाले इंस्पेक्टर को रेंज डीआईजी विकास वैभव ने मंगलवार को सस्पेंड कर दिया। इंस्पेक्टर द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो डालने की खगड़िया एसपी ने डीएसपी सदर से जांच करायी, जिसमें मामला सही पाया गया। 

यह मामला पांच जनवरी को सुबह 8:32 बजे का था . ऐसी मानसिकता के अधिकारी की सोच सामने आने के बाद एक बार सवाल उठ खड़ा होता है कि आखिर में ऐसे कितने और वेश बदले जिहादी विचार वाले लोग हैं जिनका अभी असली चेहरा सामने आना बाकी है . साथ ही ये भी सवाल उठ रहा है कि अब जनता किस पर विश्वास करे और किस पर न करे . वो बंदूक उठा चुके आतंकी से सतर्क रहे या वर्दी पहने छिपे हुए जेहादी विचारधारा वालों से ?

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