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नेहरू ने करी थी इस आदिवासी महिला की जिंदगी बर्बाद, राहुल की ये परनानी आज भी है जिन्दा



जिस महिला को आप ऊपर तस्वीर में देख रहे है, जिसके साथ नेहरू भी है, ये महिला है बुधनी, ये पश्चिम बंगाल के संथल आदिवासी समूह की महिला है, और अभी भी जिन्दा है, आपको हम इस महिला और नेहरू ने इसकी जिंदगी कैसे बर्बाद की इसके बारे में बताते है, ये जानकारी आपको नहीं ही होगी 

6 दिसंबर 1959 को नेहरू पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में गया था, वहां पर नेहरू एक बांध का उद्घाटन करने के लिए पहुंचा था, नेहरू ने राजनीति खेलते हुए खुद उद्घाटन नहीं किया, बल्कि उसने लोगों को प्रभावित करने के मकसद से किसी ऐसी लड़की के हाथों बाँध के उद्घाटन की बात कही जिसने बाँध निर्माण में काम किया हो, मजदूरी की हो 

दामोदर वैली कारपोरेशन ने इस काम के लिए 15 साल की बुधनी को चुना और उसने नेहरू का स्वागत भी किया और नेहरू ने उसके हाथ से बाँध का उद्घाटन भी कराया, बुधनी के आदिवासी समुदाय में गुलदस्ता लेने और देने को ही विवाह के रूप में माना जाता है, अगर एक पुरुष और एक महिला एक दूसरे को गुलदस्ता देते थे तो इसे विवाह माना जाता था 

दामोदर वैली कारपोरेशन से ये बात बुधनी ने बताई की वो नेहरू को गुलदस्ता नहीं देंगी, और उन्होंने इसके पीछे के कारण को भी बताया, पर उस गरीब लड़की को डरा धमका दिया गया, और नेहरू के स्वागत के लिए उस से जबरन नेहरू को गुलदस्ता दिलवाया गया, फिर नेहरू ने लड़की से उद्घाटन कराया और चलता बना 


इसके बाद संथल समुदाय ने बुधनी और नेहरू को पति पत्नी  घोषित कर दिया, नेहरू तो चला गया, पर बुधनी के लिए मुसीबत आ गयी, वो रोती रही, उसने अपने समाज को बताया की उसके गुलदस्ता जानबूझकर नहीं दिया, उसपर दबाव बनाया गया  था, पर उसकी बात पर किसी ने यकीन नहीं किया, और उसे कहा गया की तुम देश के PM की पत्नी बनना चाहती हो इसलिए तुमने ऐसा किया

और चूँकि बुधनी एक संथल आदिवासी कन्या थी, और नेहरू एक आदिवासी था, इसलिए इस शादी को भी संथल परंपरा के खिलाफ घोषित किया गया, और बुधनी का पुरे समाज ने बहिष्कार कर दिया, नेहरू तो मर गया, और आज राहुल गाँधी उसकी पीढ़ी के  व्यक्ति है 

जब बुधनी का उसके समाज ने बहिष्कार कर दिया, तो वो झारखण्ड आ गयी, और तब से वो झारखण्ड में ही है, आज भी वो जिन्दा है, और उसके पास खुद का घर भी नहीं है, बुधनी ने 2016 में राहुल गाँधी को पत्र भी लिखा था और कहा था की, मेरे लिए एक घर का बंदोबस्त कर दो 

पर राहुल गाँधी अपनी इस परनानी की खैर खबर तक नहीं लेते, न ही कांग्रेस ने नेहरू की इस अभागी पत्नी की कभी कोई खैर खबर ली, नेहरू ने राजनीती के लिए आदिवासी बच्ची का इस्तेमाल किया, और फिर उसकी सारी जिंदगी तबाह कर दी, और कभी उसकी पूछ भी किसी कांग्रेसी ने नहीं की 

source - http://www.dainik-bharat.org

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