डेंटिस्ट ने खुद को प्रेग्नेंट बताकर रेप से बचाया, धर्म पूछकर गुंडों ने छोड़ा

गाजियाबाद में एक डेंटिस्ट को शेयरिंग ऑटो में बिठाकर सुनसान जगह ले गए बदमाश. (सांकेतिक तस्वीर).
तारीख, 9 मार्च, 2019. वक्त देर शाम कोई 9 बजे. एक डेंटिस्ट इंदिरापुरम, गाजियाबाद के काला पत्थर के पास ऑटो के इंतजार में खड़ी हैं. डेंटिस्ट रोज यहां से राहुल गार्डन, लोनी के लिए इसी वक्त निकलती हैं. एक ‘शेयरिंग ऑटो’ उनके पास आकर रुकता है. ऑटो में कुछ बदमाश सवारी की शक्ल में पहले से बैठे थे. डेंटिस्ट को इसका अंदाजा भी नहीं था. ऑटो कुछ ही देर में राहुल गार्डन पहुंच गया. इससे पहले की डेंटिस्ट कुछ समझ पातीं, बदमाश हरकत में आ गए. ऑटो तेजी से सुनसान रास्ते की ओर मुड़ गया. ये देख डेंटिस्ट ने इसका विरोध किया. वे ऑटो से निकलने की कोशिश करने लगीं. कभी चलते ऑटो में कूदने का प्रयास किया. तो कभी बदमाशों से छीनाझपटी. मगर वे कामयाब नहीं हो सकीं. उलटे अगले ही पल बदमाशों ने उनकी आंखों में एक कपड़ा बांध दिया. एक बदमाश उनका गला दबाने लगा. वे रेप की कोशिश करने लगे.
कैसे बची डेंटिस्ट इन हालात से?
डेंटिस्ट ने नवभारत टाइम्स को बताया कि एक बार तो लगा कि बदमाश उनको मारना चाहते हैं. फिर उसने अपने को हालात के हवाले कर दिया. वे बहुत डर गईं. उनको लग गया कि अगर वे उनसे लड़ीं तो बच नहीं पाएंगी. ऐसे में उन्होंने विरोध करना बंद कर दिया. बदमाशों ने उनके हाथ भी बांध दिए. और उनका एटीएम निकाल लिया. और उनको चाकू की नोक पर लेकर उसका पिन पूछा, जो उन्होंने बता दिया. इसके बाद बदमाशों ने उनके खाते से 20 हजार रुपए निकाले. बदमाश उनका रेप करना चाहते थे. ये देख उन्होंने बहाना बनाया कि वह प्रेग्नेंट हैं. ये झूठ काम कर गया. इसके बाद बदमाशों ने उनके साथ मारपीट बंद कर दी. फिर सूने रास्तों पर काफी देर घुमाते रहे.
डेंटिस्ट ने नवभारत टाइम्स को बताया कि एक बार तो लगा कि बदमाश उनको मारना चाहते हैं. फिर उसने अपने को हालात के हवाले कर दिया. वे बहुत डर गईं. उनको लग गया कि अगर वे उनसे लड़ीं तो बच नहीं पाएंगी. ऐसे में उन्होंने विरोध करना बंद कर दिया. बदमाशों ने उनके हाथ भी बांध दिए. और उनका एटीएम निकाल लिया. और उनको चाकू की नोक पर लेकर उसका पिन पूछा, जो उन्होंने बता दिया. इसके बाद बदमाशों ने उनके खाते से 20 हजार रुपए निकाले. बदमाश उनका रेप करना चाहते थे. ये देख उन्होंने बहाना बनाया कि वह प्रेग्नेंट हैं. ये झूठ काम कर गया. इसके बाद बदमाशों ने उनके साथ मारपीट बंद कर दी. फिर सूने रास्तों पर काफी देर घुमाते रहे.
फिर क्या हुआ डेंटिस्ट के साथ?
प्रेग्नेंट होने की बात सुनकर बदमाश कुछ ठिठक गए. इस पर उन्होंने डेंटिस्ट से उनका धर्म पूछा. डेंटिस्ट के मुताबिक उन्होंने बदमाशों को अपना धर्म बताया. इस पर एक बदमाश ने कहा कि तुम हमारे धर्म की हो, इसलिए तुमको छोड़ा जा रहा है. अगले ही पल उन लोगों ने एक सुनसान जगह पर उनको उतार दिया. उतारते वक्त बदमाशों ने उनका मोबाइल, एटीएम कार्ड और कुछ रुपए भी दे दिए. ऑटो से उतरकर जब उन्होंने आंखों की पट्टी खोली, तो वे ताज एक्सप्रेस वे के पास खड़ी थीं. डरी सहमी डेंटिस्ट इससे और घबरा गईं. उनकी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि दूसरा ऑटो बुक करें या किसी और वाहन से मदद ले सकें. डेंटिस्ट के मुताबिक उनकी दूसरे ऑटो में बैठने की हिम्मत नहीं हो रही थी. मोबाइल काम नहीं कर रहा था. फिर जैसे-तैसे हिम्मत जुटाकर एक ऑटो बुक किया. फिर रात 11 बजे घर पहुंचीं.
प्रेग्नेंट होने की बात सुनकर बदमाश कुछ ठिठक गए. इस पर उन्होंने डेंटिस्ट से उनका धर्म पूछा. डेंटिस्ट के मुताबिक उन्होंने बदमाशों को अपना धर्म बताया. इस पर एक बदमाश ने कहा कि तुम हमारे धर्म की हो, इसलिए तुमको छोड़ा जा रहा है. अगले ही पल उन लोगों ने एक सुनसान जगह पर उनको उतार दिया. उतारते वक्त बदमाशों ने उनका मोबाइल, एटीएम कार्ड और कुछ रुपए भी दे दिए. ऑटो से उतरकर जब उन्होंने आंखों की पट्टी खोली, तो वे ताज एक्सप्रेस वे के पास खड़ी थीं. डरी सहमी डेंटिस्ट इससे और घबरा गईं. उनकी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि दूसरा ऑटो बुक करें या किसी और वाहन से मदद ले सकें. डेंटिस्ट के मुताबिक उनकी दूसरे ऑटो में बैठने की हिम्मत नहीं हो रही थी. मोबाइल काम नहीं कर रहा था. फिर जैसे-तैसे हिम्मत जुटाकर एक ऑटो बुक किया. फिर रात 11 बजे घर पहुंचीं.
रुक नहीं रहीं इस तरह की घटनाएं
गाजियाबाद में ऑटो से ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं. जून, 2018 में दिल्ली से सटे साहिबाबाद में 17 साल की एक विकलांग किशोरी को ऑटो सवार बदमाशों ने अगवा कर लिया था. किशोरी को पुराने बस अड्डे से ऑटो सवार तीन युवकों ने रात 11 बजे अगवा किया था और गरिमा गार्डन ले जाकर उसके साथ रेप किया था. लड़की ने ऑटो चालक और उसके दो दोस्तों पर रेप का आरोप लगाया था. नंदग्राम में रहने वाली लड़की मेरठ रोड स्थित एक फैक्ट्री में जॉब करती थी. वह पुराना बस अड्डा दवा लेने के लिए गई थी. घर लौटते समय उसने ‘शेयरिंग ऑटो’ पकड़ा था. बदमाशों ने एक फ्लैट में ले जाकर रेप किया था.
गाजियाबाद में ऑटो से ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं. जून, 2018 में दिल्ली से सटे साहिबाबाद में 17 साल की एक विकलांग किशोरी को ऑटो सवार बदमाशों ने अगवा कर लिया था. किशोरी को पुराने बस अड्डे से ऑटो सवार तीन युवकों ने रात 11 बजे अगवा किया था और गरिमा गार्डन ले जाकर उसके साथ रेप किया था. लड़की ने ऑटो चालक और उसके दो दोस्तों पर रेप का आरोप लगाया था. नंदग्राम में रहने वाली लड़की मेरठ रोड स्थित एक फैक्ट्री में जॉब करती थी. वह पुराना बस अड्डा दवा लेने के लिए गई थी. घर लौटते समय उसने ‘शेयरिंग ऑटो’ पकड़ा था. बदमाशों ने एक फ्लैट में ले जाकर रेप किया था.
पिंक ऑटो कहां चलते हैं?
जून, 2016 में गाडियाबाद में पिंक ऑटो सेवा शुरू की गई थी. ये सर्विस महिलाओं के लिए थी. अधिकारियों का दावा था कि पिंक ऑटो में सफर के दौरान महिलाएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी. मगर धीरे-धीरे ऐसे ऑटो ज्यादातर रूट से गायब हो गए. अब इक्का-दुक्का ऑटो ही दिखते हैं.
जून, 2016 में गाडियाबाद में पिंक ऑटो सेवा शुरू की गई थी. ये सर्विस महिलाओं के लिए थी. अधिकारियों का दावा था कि पिंक ऑटो में सफर के दौरान महिलाएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी. मगर धीरे-धीरे ऐसे ऑटो ज्यादातर रूट से गायब हो गए. अब इक्का-दुक्का ऑटो ही दिखते हैं.
पुलिस के अभियान बेकार
गाज़ियाबाद में कुछ दिन पहले पुलिस ने ऑटो और टेंपो के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था. इस दौरान 1000 से ज्यादा ऑटो-टेंपो सीज किए गए थे. ये ऑटो टेंपो ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे. पुलिस ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास, एबीईएस कट, लालकुआं, चौधरी मोड़, राजनगर, गोविंदपुरम पुलिस चौकी, पुराना बस अड्डा, राजनगर एक्सटेंशन चौराहा, मोहननगर चौराहा, सीमापुरी बार्डर, वैशाली मेट्रो स्टेशन के बाहर, लोनी तिराहा, मुरादनगर कस्बा चौकी के सामने, राजचौपला मोदीनगर, लोनी में इंदिरापुरी पुलिस चौकी के पास, ट्रॉनिका सिटी के पुस्ता चौकी के सामने समेत 30 स्थानों पर एक साथ अभियान चलाया था. इस दौरान कई ड्राइवर बिना वर्दी, नाबालिग, बगैर लाइसेंस और ओवरलोडिंग करते पकड़े गए थे. मगर पुलिस की इस कार्रवाई का ऑटो ड्राइवरों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा.
गाज़ियाबाद में कुछ दिन पहले पुलिस ने ऑटो और टेंपो के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था. इस दौरान 1000 से ज्यादा ऑटो-टेंपो सीज किए गए थे. ये ऑटो टेंपो ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे. पुलिस ने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास, एबीईएस कट, लालकुआं, चौधरी मोड़, राजनगर, गोविंदपुरम पुलिस चौकी, पुराना बस अड्डा, राजनगर एक्सटेंशन चौराहा, मोहननगर चौराहा, सीमापुरी बार्डर, वैशाली मेट्रो स्टेशन के बाहर, लोनी तिराहा, मुरादनगर कस्बा चौकी के सामने, राजचौपला मोदीनगर, लोनी में इंदिरापुरी पुलिस चौकी के पास, ट्रॉनिका सिटी के पुस्ता चौकी के सामने समेत 30 स्थानों पर एक साथ अभियान चलाया था. इस दौरान कई ड्राइवर बिना वर्दी, नाबालिग, बगैर लाइसेंस और ओवरलोडिंग करते पकड़े गए थे. मगर पुलिस की इस कार्रवाई का ऑटो ड्राइवरों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा.
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