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इस देश का सम्बन्ध राम, हनुमान से है, अकबर, ओरंगजेब से नहीं लेकिन फिर भी देश में कई स्थान ऐसे है जिनका नाम ऐसे ही क्रूर लोगों के नाम पर है। लेकिन अब ये नाम up में दूर-दूर तक नहीं दिखेंगे। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या के निकट मौजूद सुल्तानपुर नगरी को एक बार फिर रामायण के सुनहरे अतीत से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही सुल्तानपुर नगरी का नाम भगवान राम के पुत्र कुश के नाम पर कुशभवनपुर कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के बाद अब यहां सुल्तानपुर जिले का नाम बदलने की क्रिया तेज हो गई है। यहां की नगरपालिका चेयरमैन ने सुल्तानपुर का नाम बदलने के अपने वादे को अमली जामा पहनाते हुए बोर्ड में जिले का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने का एजेंडा पास करा लिया है। चेयरमैन बबिता जायसवाल ने अपने शान के प्रतीक कुशभवनपुर का एजेंडा नपा बोर्ड की प्रथम बैठक में पास कराकर सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने की तरफ एक कदम मजबूती के साथ बढ़ाया है।
वहीं चेयरमैन ने कुशभवनपुर के एजेंडे को पास कराने के लिए सभासदों का आभार जताते हुए कहा है कि शासन स्तर पर भी कुशभवनपुर के लिए दमदार तरीके से पैरोकारी की जाएगी। भाजपा प्रवक्ता विजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि नगरपालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने शपथ ग्रहण करने के पूर्व सीताकुंड घाट स्थित भगवान कुश की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया था। तत्पश्चात शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर यह जता दिया था कि कुशभवनपुर उनके लिए शान,सम्मान व स्वाभिमान का प्रतीक है।
आपको बता दें कि इससे पहले प्रदेश के अंदर मुगल सराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय किया गया था। तब ही से यहां ज़िले का नाम बदलने की सुगबुगाहट शुरु हो गई थी। कहा गया था के अयोध्या से सटे सुल्तानपुर जिले को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था और इसे कुशभवनपुर नाम से जाना जाता था। यहीं सीताजी ठहरी थीं, उनकी याद में आज भी सीताकुंड घाट है। सुल्तानपुर के गजेटियर (अंग्रेजों के जमाने के दस्तावेज ) में भी इस बात का उल्लेख है कि इसका नाम कुशभवनपुर ही था।
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