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मदरसों को आतंक से जोड़ने पर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी घिर चुके है. चारों और से उनकी गिरफ्तारी की मांग उठ रही है. शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के बाद अब मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के चांसलर जफर सरेशवाला ने भी रिजवी की गिरफ्तारी की मांग की है.
PM मोदी के करीबी ज़फर सरेशवाला ने रिजवी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि रिजवी को इस नफरत भरे बयान के लिए गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने कहा, रिजवी को पता नहीं है कि कैसे एक मदरसा कार्य करता है. उनके खिलाफ कई भ्रष्टाचार के मामले हैं, लेकिन वह इस पर बात नहीं करेंगे. उन्हें नफरत फैलाने के लिए जेल में रखा जाना चाहिए.
वहीँ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता खलीलर रहमान सजाद नोमनी ने मंगलवार को कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में मदरसों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इन स्कूलों पर सवाल उठाते हुए रिजवी उन्हें अपमान कर रहे.
इस मामले में अब भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सफाई देते हुए कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकारों की मदरसों को बंद करने की कोई योजना नहीं बनाई है. उन्होंने कहा, “हमारी सरकारों को मदरसों को बंद करने की कोई योजना नहीं है. हम चाहते हैं कि धार्मिक शिक्षाओं के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी मदरसा छात्रों को दी जानी चाहिए.”
ध्यान रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था कि वह मुसलमानों को ‘एक हाथ में कंप्यूटर और दूसरे में कुरान देखना चाहते हैं.
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