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ईरान फिर से पर्शिया बनने की ओर - "हम मुसलमान नहीं आर्यन, अरबी मजहब वापस जाये"



इंसान एक स्प्रिंग की तरह होता है.. पहले आप उसे जितना दबा दीजिए दबता जाएगा लेकिन जब उसके सब्र का पैमाना टूटेगा फिर वह अपनी सारी जमा एनर्जी को रिलीज करते हुए इस तरह बाहर निकलेगा कि सारी बंदिशें तोड़ देगा 5 दशकों तक ईरान में कठमुल्लों ने युवाओं को खूब दबाकर रखा है धीरे-धीरे वहां के युवा इतने तंग हो गए यह ईरान की सड़कों पर बगावत पर उतर आए और आप खुद देखिए कि ईरान के युवा आज क्या नारा लगा रहे हैं

लडकिया खुलेआम अपना बुर्का और अपना हिजाब जला रही हैं ...खुलेआम ईरान के इस्लामिक कानूनों की अवहेलना की जा रही है कई लड़कियों ने चौराहे पर खड़े होकर के मेकअप किया और वहां के इस्लामिक कानून को खुलेआम चुनौती दिया कि तुम्हें जो उखाड़ना है उखाड़ लो अब हमें इस्लाम नहीं चाहिए

ईरान में भीषण प्रदर्शन लगाए गए नारे - "हम आर्यन की औलाद है, हम पर अरबी अल्लाह थोपा गया, इस्लामिक शासन हमारा देश छोड़कर जाए" ईरान में सरकार और इस्लाम के खिलाफ भीषण प्रदर्शन शुरू!!! महिलाएं पुरुष सभी प्रदर्शन में शामिल!!! वहां की सरकार जिसे एक मौलाना रूहानी चला रहे है, उनके खिलाफ लोगों ने जबरजस्त और भीषण प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लोगों ने इस्लाम विरोधी नारे लगाने शुरू किये है। महिलाओं ने भी बुर्का उतारना शुरू कर दिया है और ईरान की सडको पर भीषण प्रदर्शन चल रहा है।

प्रदर्शन सरकार और इस्लाम दोनों के खिलाफ चल रहा है। मुसलमान ये भी नारे लगा रहे है की, "हम आर्यन की औलाद है, हम पर अरबी अल्लाह थोप दिया गया है", इस तरह के इस्लाम विरोधी नारे ईरान की सडकों पर सुने जा रहे है। लोग इस्लाम छोड़ने की बात कर रहे है। ये भी कह रहे है की, इस्लाम उनके देश को छोड़कर जाए।

ईरान के लोग इस्लामिक धर्मगुरुओं को कह रहे है कि तुमपर शर्म है तुम हमारे देश को छोड़कर जाओ। लोग ये भी कह रहे है की हमे इस्लामिक शासन अब नहीं चाहिए। इस्लामिक शासन हमारे देश को छोड़कर अरब में जाये। लोग यह भी कह रहे है कि हम आर्यन है, हमपर अरबी अल्लाह थोप दिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान पहले एक पारसी देश ही था। बाद में इस्लामिक हमलावरों ने सभी का धर्मांतरण कर दिया। 1970 तक ईरान में काफी हद तक आज़ादी थी। फिर वहां पर शरिया इस्लामिक कानून लागू कर दिया गया। महिलाओं को बुर्कों में कैद कर दिया गया और अब 2017 आते आते ईरान के लोग इस्लामिक शासन से इस तरह परेशान हो गए है कि सड़कों पर भीषण प्रदर्शन करने लगे है।

बस कुछ दशकों बाद यही हाल सऊदी अरब में भी होने वाला है ...हलाकि सऊदी अरब में अमेरिका की एक पूरी टुकड़ी तैनात रहती है सऊदी अरब के जल सीमा में अमेरिका के दो युद्धपोत तैनात रहते हैं बदले में सऊदी अरब अमेरिका को तेल देता है और उसके बदले में अमेरिका सऊदी अरब में अपनी सेना तैनात करके सऊदी अरब में कानून और व्यवस्था लागू करने में सहयोग देता है । अमेरिका सऊदी अरब को मिसाइल शील्ड भी प्रदान करता है क्योंकि बगल के कतर और यमन सऊदी अरब के कट्टर दुश्मन है और यह दोनों कई बार सऊदी अरब पर मिसाइल से हमले करते रहते हैं लेकिन आज नहीं तो कल यही हाल सऊदी अरब का भी होगा

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