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भारत में हिन्दू धर्म का प्रचार नहीं होना चाहिए तो क्या बाहरी मजहबो का होना चाहिए ? : डीजी वंजारा



केंद्रीय विद्यालयों में प्रार्थना पर अब सुप्रीम कोर्ट की नजर है, जज रोहिंग्टन नरीमन पूछ रहे है केंद्र से की क्यों भैया तुम  हिन्दू धर्म का प्रचार स्कूल में  क्यों कर रहे हो, स्कुल में प्रार्थना होती है की, हमे असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से जीवन की ओर ले चलो 

इस प्रार्थना में किसी भी हिन्दू देवी देवता का नाम नहीं है, ये प्रार्थना हिन्दू कैसे हो गयी ये समझना बहुत मुश्किल है, पर मोटी तनख्वाह लेने वाले मिलार्ड को ये प्रार्थना हिन्दू धर्म का प्रचार लगती है, और वो इसे बंद करवाने की कवायत शुरू कर देते है और केंद्र सरकार जिसके अधीन ये स्कुल हैं, उसे नोटिस दे देते है 

गुजरात के पूर्व पुलिस अफसर डीजी वंजारा ने इसी मुद्दे पर एक तीखी बात कही,  डीजी वंजारा ने कहा की ये तो हद ही  गयी की सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस दिया है की प्रार्थना से हिन्दू धर्म का प्रचार होता है, इसी सुप्रीम कोर्ट ने तो स्वयं कहा था की हिन्दू कोई धर्म नहीं बल्कि एक जीवन पद्धिति है, अब प्रार्थना से हिन्दू धर्म का प्रचार कैसे हो रहा है ?  डीजी वंजारा ने ये भी कहा की, चलो अगर प्रार्थना से हिन्दू धर्म का प्रचार हो भी रहा है तो भारत में किसका प्रचार होना चाहिए, क्या बाहरी किसी मजहब का प्रचार होना चाहिए, या भारतीय संस्कृति का प्रचार होना चाहिए 

वैसे अक्सर आप सुनते होंगे की आतंक का कोई मजहब नहीं, भले आतंकी खुद कहे की मैं  मुसलमान हूँ और हिन्दुओ को मारने आया हूँ, फिर भी उसका कोई मजहब नहीं है, सभी आतंकियों का अंतिम संस्कार इस्लामी रीति से हो, उनके जनाजे में इस्लामिक लोगों की भीड़ आये, अल्लाह हु  अकबर के नारे लगाए जाये, पर आतंक का कोई मजहब नहीं है 

पर कोई स्कुल में हमे असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से जीवन की ओर ले चलो, ये कहे तो इस प्रार्थना का धर्म हो जाता है, ये वाकई गज़ब की स्तिथि है, की प्रार्थना का तो धर्म है पर आतंक का कोई मजहब नहीं है 

वैसे आपको बता दें की याचिकाकर्ताओं और जज साहेब को ऐतराज़ संस्कृत से भी है, इस देश का राष्ट्रीय प्रतिक है अशोक स्तम्भ उसपर लिखा है "सत्यमेव जयते" इसे भी हिन्दू धर्म का प्रचार बताकर कल रोकने की मांग कर दी जाएगी, इस देश में वामपंथियों जिहादियों और सेकुलरों का पूरा गिरोह सिर्फ इसी काम में लगा है की भारत की  संस्कृति का समूल नाश कैसे किया जाये, मिलार्ड के पास लाखों केस लंबित है, इनको कोई काम नहीं करना इनको बस जलीकट्टू, दही हांडी, दीपावली, प्रार्थना में दिलचस्बी है


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