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मुस्लिम महिलाओं के बिना मेहरम के हज यात्रा पर जाने के सबंध में पीएम मोदी की और से दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने विरोध जताया है.
बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल हमीद अजहरी ने कहा है कि किसी महिला का मेहरम के बगैर हज यात्रा पर जाना पूरी तरह से धार्मिक मामला है. यह ऐसा मामला नहीं है जिस पर संसद में कानून बनाया जाए.
मौलाना अब्दुल ने कहा, ’99 फीसदी मुस्लिम पुरुष और महिलाएं अपने धर्म को अपने धार्मिक प्रशासन के अनुसार मानते हैं और न की पीएम मोदी और कोई अन्य कुछ कह रहा है.’ उन्होंने कहा कि इस्लाम के मुताबिक, एक महिला बिना किसी पुरुष के 78 मील से ज़्यादा यात्रा नहीं कर सकते, चाहें फिर वो हज हों या फिर कोई और जगह.
ध्यान रहे अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में रविवार को पीएम मोदी ने कहा था कि अब मुस्लिम महिलाएं मेहरम के बिना (किसी पुरुष अभिभावक के बिना) भी हज के लिए जा सकेंगी. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 70 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को अब खत्म कर दिया है. मेहरम पर लगी पाबंदी को हटा दिया गया है.
पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी निशाना साधा है. खुर्शीद ने कहा, मेहरम का फैसला सऊदी अरब का है, न कि नरेंद्र मोदी का. खुर्शीद ने तो यहां तक कह डाला कि हो सकता है मोदी सऊदी में महिलाओं के ड्राइविंग अधिकार पर भी अपना दावा ठोक दें .
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