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क्या वो शख्स हिन्दू हो सकता है, जो कहता हो की हिन्दू आतंक भारत पर खतरा है, अलकायदा नहीं हिन्दू आतंकियों से खतरा है, मैं नहीं मानता राम को, मंदिर जाने वाले हिन्दू लड़कियां छेड़ते है, ये सब बयान राहुल गाँधी के ही है, और ये शख्स हिन्दू है
वैसे हिन्दू समाज क्या इतना मुर्ख है की कोट के ऊपर कोई भी धागा दिखाकर खुद को जनेऊधारी बता देगा तो हिन्दू समाज उसे मान भी लेगा, क्या कोई ऐसा शिवभक्त हो सकता है जो ये कहे की मैं नहीं मानता राम को, राम तो काल्पनिक है
भैया शिव हमेशा राम जी की भक्ति में लीन रहते है, शिवपुराण में लिखा हुआ है की भगवान् शिव के आराध्य हैं भगवान् राम, और भगवान् शिव हमेशा राम का ध्यान करते है, राम जी के भक्त होने के कारण ही शिव जी ने वानर का अवतार लिया और हनुमान बनकर राम जी की सेवा की
शिवपुराण में लिखा है की एक बार माता पार्वती ने शिव जी से पूछा की आप किसने ध्यान में हमेशा लीन रहते है, तो शिव जी ने उनसे कहा की मैं राम जी के ध्यान में लीन रहता हूँ, मैं हमेशा उनका स्मरण करता हूँ, पर राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी इत्यादि ये सब शिव भक्त तो है पर राम जी को काल्पनिक बताते है, हिन्दुओ को आतंकी बताते है, और कोट के ऊपर एक धागा दिखाकर खुद को जनेऊधारी हिन्दू बता देते है, इनको कांग्रेस के लोग पंडित घोषित कर देते है
वैसे अगर जनेऊ जैसा दिखने वाला धागा बांधकर कोई हिन्दू हो जाता है तो हाथ पर कलावा बांधने वाला भी हिन्दू ही हुआ, और जितने हिन्दू राहुल गाँधी है उतना ही हिन्दू तो इस्लामिक आतंकवादी अजमल कसाब भी था, क्यूंकि वो मुंबई पर हमला करने के लिए हाथ पर कलावा बांधकर आया था
हिन्दू समाज क्या इतना मुर्ख हो गया है की वो इतना भी नहीं समझ सके की कौन हिन्दू है और कौन नहीं, जातिवाद में जो लोग अंधे होकर वोट देते है, वो असल में अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारते है, बिहार की हालत आप देख सकते है, कभी समृद्ध था, चन्द्रगुप्त, अशोक वहीँ बैठा करते थे, जातिवाद ने उस बिहार का क्या हाल किया, गुजरातियों के पास अभी भी समय है
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