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मदरसे में पढ़ने वाले या तो मौलवी बनेंगे या फिर आतंकवादी : जनरल बाजवा, पाक सेना प्रमुख



अगर भारत में कोई शख्स ये बयान दे दे की मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आगे चलकर आतंकवादी ही बनेंगे, तो उस शख्स को फ़ौरन देश के सेक्युलर और वामपंथी लोग सांप्रदायिक घोषित कर देंगे, मुस्लिम विरोधी घोषित कर देंगे, समाज में जहर फ़ैलाने वाला बता देंगे, और तमाम जिहादी तत्व उसे धमकियाँ देना शुरू कर देंगे 

पर ये बयान एक ऐसे शख्स ने दिया है जिसे सांप्रदायिक नहीं बता सकते भारत के सेक्युलर और वामपंथी गिरोह, पाक सेना के प्रमुख जनरल बाजवा ने मदरसों को बंद करने की वकालत की है, उन्होंने कहा है की मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे या तो मौलवी बनेंगे या आतंकवादी 

बाजवा ने कहा की मदरसों में आज के हिसाब से शिक्षा तो दी जाती नहीं, तो वहां से निकले बच्चे किस काम के होंगे, या तो वो मौलवी ही बनेंगे, या आतंकवादी, इसके अलावा वो क्या बन सकते है, उन्होंने कोई काम करने लायक शिक्षा तो ली नहीं होती है 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की मदरसा मतलब इस्लामिक स्कुल, इन जगहों पर कुरान और मजहबी शिक्षा ही दी जाती है, सूरज दलदल से निकलता है, धरती चपटी है गोल नहीं, अल्लाह ने आसमान को पकड़ रखा है वरना वो धरती पर गिर जायेगा, ये सब चीजें विज्ञान के नाम पर मदरसे में बच्चों को पढाई जाती है, ये चीजें कुरआन में लिखी हुई है 

अब ऐसे बच्चे जो ये पढ़कर बाहर निकले की धरती गोल नहीं बल्कि चपटी है, तो वो क्या कर सकेंगे, ऐसी शिक्षा किसी काम के लायक तो है नहीं, और इसी कारण पाकिस्तान जो की वैसे ही एक इस्लामिक देश है, कट्टरपंथी  देश है, उसकी स्तिथि ख़राब हो रही है, और वहां के सेना प्रमुख भी बोल पड़े की मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे या तो मौलवी बनेंगे या आतंकवादी 

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