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कांग्रेस ने की शर्म की सारी हदें पार – बीजेपी को हराने के लिए पाकिस्तान से मिल गयी कांग्रेस – सामने आये ये पुख्ता सबूत



गुजरात चुनावों के दूसरे चरण से पहले प्रचार अपने पूरे शबाब पर है और कांग्रेस और बीजेपी दोनों के हमले एक दूसरे पर लगातार जारी हैं l कांग्रेस के प्रचार की कमान जहाँ उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के हाथ में है तो वहीँ बीजेपी की नैया पार लगाने के लिए खुद पीएम मोदी मैदान में हैं l
वहीँ इस सबके बीच एक ऐसी ख़बर सामने आई है, जो आपको दंग कर देगी l कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर के घर पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मीटिंग की ख़बरें सच साबित हो गयीं हैं l भले ही कांग्रेस इस बाबत मना कर रही हो लेकिन अब पुख्ता सबूत सामने आ चुके हैं और इन सबूतों से ये साफ़ पता चलता है कि मणिशंकर अय्यर के घर पर दूसरे कई नेताओं के साथ पाकिस्तानी पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तानी उच्चायुक्त एक मीटिंग में मौजूद थे l
मणिशंकर अय्यर के घर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और उच्चायुक्त के साथ मीटिंग के पीएम के आरोप को कांग्रेस खारिज किया था। कांग्रेस ने पीएम की ओर से मीटिंग की बात को बेबुनियाद करार दिया था, लेकिन अब वह खुद ही इस मामले में घिरती दिख रही है।
पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर ने भी खुद के इस बैठक में मौजूद रहने की पुष्टि की है। एक अखबार से बातचीत में कपूर ने कहा, ‘हां, मैं इस बैठक का हिस्सा था। इस मीटिंग में भारत-पाकिस्तान संबंधों के अलावा अन्य किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।’
कपूर के इस बयान से साफ है कि अय्यर के घर मीटिंग हुई थी, जबकि कांग्रेस के सीनियर लीडर आनंद शर्मा ने ऐसी किसी भी बैठक से इनकार किया था। 23वें सेनाध्यक्ष के तौर पर दीपक कपूर मार्च, 2010 में अपने पद से रिटायर हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के भारत दौरे के वक्त मणिशंकर अय्यर ने डिनर मीटिंग का आयोजन किया था। कसूरी ‘भारत-पाक मौजूदा संबंध’ विषय पर आयोजित एक गोष्ठी में भी हिस्सा लेने आए थे।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर, पूर्व राजनयिक सलमान हैदर, टीसीए राघवन, शरत सभरवाल और के. शंकर बाजपेयी मौजूद थे। बाजपेयी, राघवन और सभरवाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त भी रह चुके हैं।
आपको बता दें कि रविवार को पीएम मोदी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। रैली में मणिशंकर अय्यर पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आखिर पाकिस्तानी उच्चायुक्त के साथ गुप्त बैठकें क्यों की गई थीं। आखिर क्यों इसके बाद पाकिस्तान के उच्च पदों पर बैठे लोग गुजरात में पटेल को सीएम बनाने के लिए सहयोग की पहल कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि जब मणिशंकर ने उन्हें नीच कहा था, उससे एक दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने अय्यर के घर पर मुलाकात की थी।
इस दौरान मोदी ने अय्यर के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने नीच बोलकर मेरा नहीं पूरे गुजरात का अपमान किया है। बता दें कि पिछले दिनों मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। इस बयान के बाद मचे सियासी घमासान को देखते हुए पार्टी ने उन्हें निलंबत कर दिया था।
इसके बाद से बीजेपी की तरफ से लगातार इस बयान को लेकर कांग्रेस को घेरा जा रहा है। पीएम मोदी ने इस बयान को गुजरात की अस्मिता से जोड़कर कांग्रेस पर हमला जारी रखा है। रविवार को भी पालनपुर में पीएम ने इसे पूरे गुजरात का अपमान बताया था l
रविवार को पाटन में आयोजित रैली में पीएम ने फिर से मणिशंकर अय्यर पर निशाना साधते हुए कहा, ‘गुजरात का अपमान करने वाले यही मणिशंकर अय्यर हैं, जिन्होंने पाकिस्तानी उच्चायुक्त के साथ सिक्रीट मीटिंग्स की थीं। इसका कारण क्या था? प्रधानमंत्री ने इशारे-इशारे में यह जताया कि कांग्रेस के नेताओं के पाकिस्तान से संबंध हैं।
गौरतलब है कि कि पीएम मोदी ने मणिशंकर अय्यर के पाकिस्तान दौरे पर दिए बयान को लेकर कहा था कि वह पाक में कह रहे थे कि जब तक हम मोदी को रास्ते से नहीं हटाएंगे, तब तक दोनों देशों में संबंध अच्छे नहीं होंगे। पीएम मोदी ने पूछा था कि क्या वह मेरी सुपारी देने के लिए पाकिस्तान गए थे। मोदी ने कहा था, ‘वह ऐसे नेता हैं, जो पाकिस्तान में जाकर कहते हैं कि पीएम मोदी को रोको। सोशल मीडिया पर भी ऐसा विडियो आया था। रास्ते से हटाने का मतलब क्या है? क्या वह पाकिस्तान को मोदी की सुपारी दे रहे थे?’
इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठकर मोदी जी बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मोदी जी चिंतित, हताश और गुस्से में हैं। ऐसे बयान में कोई सच्चाई या तथ्य नहीं है और यह झूठ पर आधारित है। ऐसा व्यवहार प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।’

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