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वामियों और सेकुलरों साथ ही साथ जिहादियों की पोल कभी न कभी खुलनी ही थी, और बस कुछ ही दिन और बचे है जब इनकी पूरी पोल पपड़ी पूरी तरह खुल जाएगी, बता दें की पिछले दिनों दैनिक भारत ने अपने पाठकों को महान पीएन ओके की रिपोर्ट के हवाले से बताया था की ताजमहल एक हिन्दू मंदिर है
असल में ताजमहल एक हिन्दू मंदिर ही है, यहाँ तेजोमहालय नामक शिव मंदिर था, जिसे ऋषि अंगिरा ने बनाया था, अंगिरा ऋषि के नाम पर ही आगरा शहर का भी नाम है, जय सिंह ने शिव मंदिर को भव्य बनाया था, बाद में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने शाहजहां के कहने पर शिवलिंग को और अन्य हिन्दू मूर्तियों को तेजोमहालय से मिटा दिया, और यहाँ कब्रें बनवा दी और ताजमहल बता दिया
आज भी ताजमहल के तयखाने में बहुत सी हिन्दू मूर्तियां है, उनके दरवाजों को सील करके रखा हुआ है, जो ताजमहल के ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद है, पर वामपंथियों, इस्लामिक शक्तियों और सेकुलरों ने तेजोमहालय को ताजमहल बता दिया
इन इतिहासकारों ने हमे बताया की ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज़ बेगम के याद में बनवाया था, ये शाहजहां और मुमताज़ के प्रेम की निशानी है, 4 करोड़ रुपए में शाहजहां ने ताजमहल बनवाया, ऐसी कहानी हमे इतिहासकारों ने पढ़ा दी, और आज भी बच्चों को एहि कहानी पढाई जाती है, अब हम आपके सामने कुछ पेश करने जा रहे है जिसे आप ध्यान से देखिये
पुरातत्व विभाग जिसे आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया भी कहा जाता है, शार्ट में जिसे ASI भी कहते है, उसने खुद स्वीकार किया है, और कहा है की ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था इसका कोई वैज्ञानिक सबूत, कोई भी दस्तावेज नहीं है, देखिये RTI से मिली ये जानकारी
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