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ये भी मजहब में है जायज 3 साल की बेटियों को शिकार बनता था शराफ अली






उसकी बेटियां जब तीन साल की हो जातीं हैं, तो वो उनका 'इस्तेमाल' करना छोड़ देता है। वो बस, एक साल से तीन साल की उम्रतक की अपनी बेटियों का ही इस्तेमाल करता है। क्योंकि उसके बाद बच्चों को चीजें याद रह जातीं हैं। इसी से वो तीन साल से बड़े बच्चियों से बलात्कार नहीं करता। वो अपनी शिकार बच्चियों का बाप है।

चार चैट ग्रुप में हर में पांच हजार से ज्यादा सदस्य हैं। उनमें से ज्यादातर की राय ये है... कि बच्चों से बलात्कार कोई अनुचित बात नहीं। चार साल तक की उम्र तक उनका इस्तेमाल किया जा सकता है। उनकी तस्वीरें शेयर की जा सकतीं हैं... क्योंकि इस उम्र की बातें उनको याद याद नहीं रहतीं। चार साल के बाद, वो समझने लगते हैं और उनको याद रह जाती हैं बातें। तो उसके बाद खतरा है। एडमिन की राय इससे अलग 4 साल से 15 साल की बच्चियों की तस्वीरे, शेयर करने के पक्ष में थी। ये कोई विदेश नहीं, भारत है। सुसंस्कृत, सनातन सभ्य और महान भारत। उसमें भी भारत का सबसे पढ़ा लिखा साक्षर राज्य... केरल।

पुलिस ने 24 साल के एक युवक को पकड़ा है। नाम है शराफ अली। ये मोबाइल पर चैट ग्रुप का एडमिन था। उस ग्रुप्स में वाइफ स्वैपिंग की व्यवस्था से लेकर एक साल की लड़की के बलात्कार तक के वीडियो और तस्वीरे शेयर की जातीं थी। सबसे ताजा वीडियो, दो व्यस्कों द्वारा, चार साल की बिलखती बच्ची से बलात्कार का था। बच्ची अम्मा अम्मा चीख रही थी। इस देश के हजारों, लाखों लोग ऐसे वीडियो से मनोरंजित हो रहे हैं।

हद ये है कि तीन साल के बच्चियों को वाकायदा अश्लील पोजेज देने की ट्रेनिंग दी जाती है। वे अश्लील फोजेज देने के मामले में महारथी हैं, एक समाज सेवी की मदद से पुलिस ने शराफ अली को गिरफ्तार कर लिया है। पर शराफ अली तो बस सुविधाएं मुहैय्या कराता था। सुविधाएं भोगनेवाले कौन लोग हैं? वे कौन हैं? जिनको बच्चों का शोषण मनोरंजक लगता है? ये लोग घर परिवार, बीवी-बच्चों वाले लोग हैं। ये वही लोग हैं... जिनको तीन साल की बच्ची से बलात्कार वाजिब लगता है। ये आदमखोर लोग हैं... जो हमारे बीच छुपे हुए हैं। इनको बच्चों का गोश्त बेहद पसंद है।

जब भी कोई वाट्सअप ग्रुप बनता है। वहां पहले अश्लील जोक्स, फिर गुड नाइट गुड मॉर्निंग कहती अश्लील तस्वीरें शेयर की जाने लगतीं है। ऐसा करनेवाले लोग इसे हल्का-फुल्का मजाक स्थापित करने की कोशिश करते हैं। और बाकी के लोग चुपचाप इसका लुत्फ लेते हैं। वे ग्रुप चलने देते हैं। चलने देते हैं.... और उसका सुख लेते रहते हैं। धीरे धीरे ग्रुप में अश्लीलता का चरम बढने लगता है। और...

तो ऐसा केवल केरल में नहीं है... केरल के स्वंय सेवी ने जोखिम उठाकर इसका खुलासा किया पर पूरा भारत इस नरक में डूबा हुआ है। समूचा राष्ट्र इस दलदल में धंसा हुआ है। अजीब है ना, इससे हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य की इज्जत और अस्मिता पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसा हमारे पद्मावती या पैगंबर साहेब से, भंगी से पड़ता है। जैसा हमारी धार्मिक टिप्पणियों से पड़ता है। जैसा जाति और राजनीति से पड़ता है। हमारा तो बस अतीत महत्वपूर्ण है, सड़ा हुआ ग्लानिपूर्ण अतीत अहम है हमारे लिए... पर वर्तमान और भविष्य की जो ताबूत बना उसमें कीलें ठोकी जा रही है... उसकी फिक्र हमें करनी ही नहीं है। ये कैसा राष्ट्र है!

इसलिए मैं कहता हूं कोई अल्लाह नहीं है। किसी अल्लाह ने इंसान नहीं बनाए। आप खाना बनाये और वो खराब हो जाये तो आप उसे तुरंत डिस्पोज कर देते है। आप कोई तस्वीर बनाये वो बिगड़ जाए तो उसे आप मिटा देते है। धर्मो के फिलॉफसी के अनुसार ऐसे लोगो को अल्लाह ने बनाया तो खत्म कर भी कर देना चाहिए था। पर नहीं किया..


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