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देश के युवक इतनी बडी संख्या में विदेश जाकर आतंकी संगठन में सम्मिलित हो रहे है, यह देश के लिए शर्मनाक हैं !.. ISIS अब 'वन वुल्फ अॅटॅक' का मार्ग अपना रहा है, एेसी स्थिती में अगर 100 आतंकीयों ने देश में आक्रमण किया तो क्या वह रोकना सरकार को मुमकिन हैं ? केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के पास जो जानकारी मौजूद है, उसके आधार पर बहुत ही कम लोग भारत से कुख्यात इस्लामिक आतंकी संगठन ISIS में शामिल हुए हैं। आपको बता दें कि NIA ने ISIS में शामिल होनेवाले और उनसे सहानुभूति रखनेवालों के विरोध में मामले दर्ज किए हैं।
यही नहीं राज्य सरकारों ने भी कुछ मामले दर्ज किए हैं, जिसमें अब तक 103 लोगों को NIA और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। ISIS और उसमें शामिल होनेवाले लोगों के बारे में सांसद विजिला सत्यानंत ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर से सवाल पूछा था, जिसके लिखित जवाब में हंसराज अहीर ने यह जानकारी दी। राज्यसभा में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश से 17, महाराष्ट्र से 16, तेलंगाना से 16, केरल से 15, कर्नाटक से 8, मध्य प्रदेश से 6, तमिलनाडु से 5, पश्चिम बंगाल से 5, उत्तराखंड से 4, राजस्थान से 4, गुजरात से 4, बिहार से 2, देहली से 1 और जम्मू कश्मीर से 1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार ISIS आतंकी संगठन को केंद्र सरकारद्वारा यूपीए के तहत अधिसूचित किया गया है। ISIS अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म का इस समय उपयोग कर रहा है, जिस पर केंद्र और राज्य की एजेंसियों की नजर और निगरानी बनी हुई है। ISIS द्वारा शुरुआती खतरे का आकलन करने और इसका सामना करने के लिए गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की एजेंसियां कई बार बैठकर भी कर चुकी हैं।
बता दें कि, भारत में ISIS के खतरे को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जब भी सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां पर खतरा एकदम ना के बराबर है। कुछ ऐसा ही जवाब लिखित जानकारी के तौर पर गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में दिया है। पर बता दें कि जिस तरीके से इंटरनेट के माध्यम से हजारों किलोमीटर दूर बैठा हैंडलर ISIS में शामिल करने के लिए भारत के लोगों को लुभाने की कोशिश में जुटा रहता है, उससे एजेंसियों को सचेत रहने की जरूरत है।
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