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जब पटेल का हक़ मारकर नेहरू को दे दिया गया था PM पद, क्या वो काला दिन नहीं था ?



कांग्रेस नोटबंदी के दिन को काले दिन के रूप में मना रही थी, बहुत से कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया पर अपनी DP को काले रंग में रंग रहे थे, काला दिवस, ब्लैक डे मनाया जा रहा था, कांग्रेस के नेताओं ने इतना काला दिवस मनाया की हम भी सोच में पड़ गए की किस दिन को असल में काला दिन कहना चाहिए 

वैसे तो कई सारे दिनों को आप काला दिन बता सकते है, पर हमे 1947 की याद आ गयी, जब 14 वोट पाने वाले सरदार  पटेल की जगह 1 वोट पाने वाले जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बना दिया गया था

मान लीजिये आप लोकतंत्र की बात करते है, और उसपर यकीन भी करते है, और 15 लोगों की वोट में आपको 14 वोट मिले और आपके प्रतिद्वंधी को 1 वोट मिले, पर विजेता उसे घोषित कर दिया जाये जिसे सिर्फ 1 वोट मिला हो और वो भी उसका खुद का, तो आप क्या महसूस करेंगे, आपकी आत्मा को कितनी चोट लगेगी, आप अंदर तक टूट जायेंगे, ये बर्बरता है 

और ठीक यही काम इस देश में हुआ था, दरअसल अंग्रेज भारत से भागना चाहते  थे, 2 मुख्य कारण थे, एक तो हिटलर द्वारा दूसरे विश्वयुद्ध में ब्रिटैन की स्तिथि बड़ी ही दयनीय कर दी गयी थी,  और दूसरा कारण था भारत में क्रांतिकारियों और आज़ाद हिन्द फ़ौज लगातार अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दे रहे थे, अंग्रेजो के लिए टिकना मुश्किल हो रहा था, उन्होंने सत्ता कांग्रेस को सौंपने का फैसला लिया

1947 से पहले देश में 2 मुख्य राजनितिक दल थे, एक कांग्रेस और दूसरा मुस्लिम लीग, भारत के बंटवारे के बाद मुस्लिम लीग तो पाकिस्तान चला गया, जिन्ना पाकिस्तान चला गया, भारत में बची कांग्रेस, देश भर में कांग्रेस की समितियां थी, हर जगह कोंग्रेसियों के आपस में ही चुनाव किया, राज्य की समितियों में भी सरदार पटेल को नेहरू के मुकाबले बहुत ज्यादा वोट मिले, उसी समय पटेल को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था, पर नेहरू ने गाँधी की चाटुकारिता इतनी कर रखी थी, और गाँधी खुद को सबका बापू समझता था, गाँधी ने कहा की नहीं राज्य की समितियों द्वारा नहीं होगा PM का फैसला, केंद्रीय कांग्रेस कमिटी करेगी तय, कौन बनेगा प्रधानमंत्री 

उसके बाद कांग्रेस की केंद्रीय समिति में 15 लोगों के वोट से चुनाव हुआ, 14 वोट मिले की पटेल प्रधानमंत्री बने, 1 वोट मिला की नेहरू प्रधानमंत्री बने, और 14 वोट पाने वाले की जगह 1 वोट पाने वाले को प्रधानमंत्री बना दिया गया, क्या आप सोच सकते है की पटेल के मन, ह्रदय पर कितनी चोट लगी होगी, आज की कांग्रेस को जरूर बताना चाहिए की क्या वो काला दिन नहीं था जब 14 वोट पाने वाले पटेल की जगह 1 वोट पाने वाले नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बना दिया गया था 
source - http://www.dainik-bharat.org

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