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उत्तराखंड का बद्रीनाथ धाम, जो भगवान् विष्णु का एक हज़ारों साल पुराना धाम है, वहां हज़ारों साल पुराना मंदिर है, बद्रीनाथ उतना ही पुराना है जितना हिन्दू धर्म पुराना है, इस्लाम का तो जब जन्म भी नहीं हुआ था, किसी ने इस्लाम शब्द को भी नहीं सुना था उस से भी हज़ारों साल पुराना है हमारा बद्रीनाथ धाम
हमारी भारतीय सेना की एक रेजिमेंट है जिसका नाम है गढ़वाल रेजिमेंट, जब हमारे ये सैनिक युद्ध में जाते है तो उद्घोष करते है "बद्री विशाल लाल की जय" यानि जय बद्रीनाथ, जय विष्णु भगवान्, और ऐसा उद्घोष करते हुए हमारे जवान युद्ध लड़ते है
पर सहारनपुर का एक मुफ़्ती है, दारुल उलूम का मुफ़्ती अब्दुल लतीफ़, इस शख्स का कहना है की जाहिल हिन्दुओ को कुछ नहीं पता, बद्रीनाथ हिन्दुओ का नहीं है, नाथ लगा देने से वो हिन्दू नहीं हो जाता, बद्रीनाथ असल में बदरुद्दीन शाह की मजार है, और मुसलमान अपना हक़ वापस लेंगे और हिन्दू जल्द से जल्द ये मजार हमे सौंप दे, यही अच्छा होगा
ये मुफ़्ती हिन्दुओ को जाहिल घोषित करते हुए न जाने किस बदरुद्दीन शाह का नाम ले रहा है, बदरुद्दीन तो छोड़िये, पूरा इस्लाम भी दुनिया में नहीं था उस से हज़ारों साल पहले से बद्रीनाथ मौजूद है, हिन्दू वहां तीर्थ को जाते रहे है, पर मुफ़्ती अब्दुल लतीफ़ के अनुसार बद्रीनाथ मुसलमानो की मजार है और अच्छा ये होगा की मुसलमानो को बद्रीनाथ सौंप दिया जाये ताकि वो वहां नमाज़ पढ़े
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी ये बात पहुंची, योगी ने कहा की, ये खबर हमारे संज्ञान में आयी है, और हम इसकी जांच कर रहे है, जिस मुफ़्ती ने भी ये बयान दिया है, ये उसकी विकृत मानसिकता है, और जल्द ही उसपर बहुत कठोर कार्यवाही की जाएगी
source - http://www.dainik-bharat.org
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