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हिन्दू धर्म पर फिल्म बनाने वाले फिल्मबाज़ क्यों नहीं बनाते दूसरे धर्मो की मान्यताओं पर फिल्म : अनुराग मुस्कान
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पहले तो क्या है की फिल्मबाज़ लोग हिन्दुओ को अपमानित करने वाले फिल्मे आसानी से बना लिया करते थे, हिन्दू में जागरूकता तो थी नहीं, देश की सदियों से रक्षा करने वाले क्षत्रियों को बलात्कारी, लुटेरे के रूप में दिखाते थे, ठाकुर को हमेशा बलात्कारी बताया जाता था
देश के वैश्य समाज सूदखोर, हैवान, दरिंदा किस्म का व्यक्ति दिखाया जाता था, ब्राह्मणो को हमेशा लालची और कपटी दिखाया जाता था, वहीँ फिल्मो में अब्दुल चाचा, चर्च के फादर को हमेशा विशाल ह्रदय वाला अच्छा व्यक्ति दिखाया जाता था
पहले ऐसी फिल्मे बहुत बनती थी, हिन्दू जागरूक था ही नहीं, और इसी कारण वो विरोध भी नहीं करता था, पर अब हिन्दुओ में जागरूकता आ रही है, और फिल्मबाजो का विरोध भी किया जा रहा है, फिल्मबाज़ आज भी लगातार हिन्दुओ को अपमानित करने वाली फिल्मे बना रहे है, इसपर आज पत्रकार अनुराग मुस्कान ने ऐसे फिल्मबाजो पर निशाना साधा
हिन्दू धर्म के अलावा किसी और धर्म से जुड़ी मान्यताओं को लेकर कोई निर्देशक कभी फ़िल्म नहीं बनाता. क्यूं भई, क्या हिन्दू धर्म के अलावा बाक़ी धर्म असहिष्णु और अछूत हैं या बाक़ी धर्मों की मान्यताओं पर फ़िल्म बनाने की आपमें हिम्मत नहीं है?— Anuraag Muskaan (@anuraagmuskaan) November 12, 2017
अनुराग मुस्कान ने कहा की ये फिल्मबाज़ लोग सिर्फ हिन्दू धर्म की मान्यताओं पर फिल्मे बना रहे है, क्यों फिल्मबाजो बाकि धर्म क्या असहिष्णु या अछूत है, उनपर फिल्मे क्यों नहीं बनाते, या दूसरे धर्मो की मान्यताओं पर फिल्मे बनाने की तुम्हारी हिम्मत ही नहीं है
अभी उदाहरण के लिए, आमिर खान - ये शख्स एक कार्यक्रम करता था जिसका नाम था सत्यमेव जयते, इस कार्यक्रम में ये सिर्फ हिन्दुओ को निशाना बनाता था, जबकि इसके खुद के समाज में तीन तलाक, बहु विवाह, अन्धविश्वास, आतंकवाद, जनसँख्या विस्फोट, महिला विरोध जैसे तमाम मुद्दे है, पर निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिन्दू ही रहते थे
source - http://www.dainik-bharat.org
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