- Get link
- X
- Other Apps
Featured post
loading...
loading...
- Get link
- X
- Other Apps

आज हिन्दू ह्रदय सम्राट बाल ठाकरे की पुण्यतिथि है, आज ही के दिन 17 नवंबर 2012 को बाल ठाकरे हमे छोड़कर चले गए थे, पर उनके विचार और संकल्प उन सभी ने हमे दिए, बाल ठाकरे का सम्मान इतना था की उनके एक इशारे पर कार्यकर्त्ता जान देने और लेने को तैयार रहता था, जो आज किसी नेता के बुते की बात नहीं की कोई कार्यकर्त्ता उसके लिए अपनी जान दे देगा
बाल ठाकरे न होते तो मुंबई इस्लामिक शहर हो गया होगा, मुंबई में हुए दंगे हो, महाराष्ट्र में हुए कई दंगे हो, हिन्दुओ को जब निशाना बनाया जाता था तब सब दंगाइयों का साथ देते थे, उस समय बीजेपी तो इतनी बड़ी पार्टी महाराष्ट्र में थी भी नहीं, न ही बीजेपी के कार्यकर्त्ता थे
बाल ठाकरे ही अपने कार्यकर्त्ता मैदान में उतारते थे, और हिन्दुओ की रक्षा तो की ही जाती थी, शिव सैनिक जिहादियों को भी डबल झटका देते थे, बाल ठाकरे का तो कहना था की मूल भी चुकाओ और सूत भी, जब इस्लामिक आतंकवादी कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को रोकते थे, तो बाल ठाकरे यहाँ महाराष्ट्र में हज रोक दिया करते थे, फ़ौरन ही अमरनाथ में आयी समस्या ख़त्म हो जाती थी
जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद नामक कलंक को धोने की बात आई तो सबसे पहले शिवसैनिकों ने ही मस्जिद पर प्रहार किया था, और ये देख अन्य हिन्दुओ को भी जोश आया, और इस बात की पुष्टि भी उमा भारती ने की थी की मस्जिद पर मराठी बोलने वाले लोग चढ़ गए है, और ये हिंदी नहीं समझ रहे, बाल ठाकरे ने तो पहले ही कहकर भेजा था की डायरेक्ट एक्शन करो
जब बाबरी का कलंक धो दिया गया, तो सब नेता चुप रहते थे, ज्यादा नहीं बोलते थे, बाल ठाकरे हर जगह बड़े गर्व से बोलते थे, हां हमने तोड़ी बाबरी, बाल ठाकरे को चाहने वालों की लाइन इतनी लम्बी थी की जब उनकी मृत्यु हुई थी तब मुंबई में पैर रखने की जगह नहीं थी, 30 लाख लोग सड़क पर उनकी अंतिम यात्रा में चले थे, ऐसे हिन्दू ह्रदय सम्राट को उनकी पुण्यतिथि पर नमन
source - http://www.dainik-bharat.org
loading...
Comments
Post a Comment