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कुछ लोगों को बहुत कष्ट हो रहा कि अब हिन्दू भी धीरे-धीरे कट्टर हो रहे जबकि उनकी सनातन पहचान ही उदारता की रही है..!! इसी उदारता के चक्कर में तो हिन्दू सिमट-सिकुड़ गए..जबकि श्रीराम द्वारा रावण की ठुकाई और श्रीकृष्ण द्वारा कंस की ठुकाई भूल गए ..और लगे महात्मा बुद्धबनने, अर्जुन छोड़ महात्मा गाँधी बनने..!!
अभी आप देखिये जब हमारे यहाँ ये सेकुलरिज्म नहीं था, चाणक्य और चन्द्रगुप्त हुआ करते थे, यूरोप से विदेशी हमला करने गए थे, इतने अच्छे से उनको काटा गया था की अपनी बेटी को चन्द्रगुप्त को सौंप कर गए थे की जी शांति कर लीजिये आप हमारे जीजा और हम आपके साले, जब सेकुलरिज्म नहीं था न तब समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य जैसे लोग थे, भारत सोने की चिड़िया थी
जहाँ अशोक हिन्दू से बौद्ध बना, उसके साम्राज्य का नाश हो गया, भारत एक राज्य था, कई राज्यों में बाँट गया, हिन्दू था अशोक तब तक भारत एक एकजुट देश था, बौद्ध बना उसके 50 साल में भारत में 50 देश बन गए, खैर तबतक भी उतना नाश नहीं हुआ था, आगे बढिये
7वी सदी में ही कासिम ने भारत पर हमला किया था, भारत को भी मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए, बाप्पा रावल ने ऐसा काटा था की 300 साल तक कोई भी मुसलमान हिम्मत नहीं कर सका की भारत की तरफ देखे, पर इन 300 सालों में भारत में बहुत कुछ बदला, हमारे यहाँ लोग बुद्ध बनने लगे, अफगानिस्तान तो पूरा बुद्ध हो गया, राम कृष्ण छोड़ लोग बुद्ध बन गए, मुस्लिम सबसे पहले उसी अफगानिस्तान में घुसे, और वहीँ से ये भारत पर रह रह कर हमला करते रहे, राम कृष्ण छोड़ बुद्ध न बनता अफगानिस्तान तो ऐसा कभी न होता
कम शब्दों में अगर बात लिखी जाए तो भारत बुद्ध गाँधी का देश नहीं है, ये राम कृष्ण महादेव हनुमान गंगा ऋषि मुनियों शूरवीरों राजा भारत का देश है, शौर्य हमारी पहचान है, पर अगर हम राम कृष्ण छोड़ बुद्ध बनेंगे, अर्जुन छोड़ गाँधी बनेंगे तो क्या हाल हुआ वो आप जानते ही है, ये पाकिस्तान और बांग्लादेश भी तो भारत ही था, और ये कश्मीर, जिस दिन हमारे अंदर का गाँधी मर जायेगा और वापस वो अर्जुन जागेगा, उसी दिन से हमारी जीत होनी शुरू हो जाएगी
अभी हिन्दुओ में थोड़ी एकजुटता 2014 के बाद से आ रही है तो हिन्दुओ को पहले असहिष्णु बताया गया, और अब तो हिन्दुओ को आतंकी ही बता दिया गया, ये लोग हमे रोकने के पुरे प्रयास में है, हमे असहिष्णु और आतंकी बताकर गाँधी ही बनाये रखना चाहते है, पर हमे अपने अंदर का अर्जुन जगाना ही है, हर हर महादेव
source - http://www.dainik-bharat.org
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