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आज के जो गाँधी घूम रहे है, उदाहरण के तौर पर सोनिया गाँधी, मेनका गाँधी, राहुल गाँधी इत्यादि इनका मोहनदास गाँधी से कुछ लेना देना नहीं है, ये लोग नेहरू के वंशज है, गाँधी का डीएनए इनसे दूर दूर तक नहीं मिलता, गाँधी के परिवार से ये लोग नहीं आते, राजनीती के लिए इन्होने गाँधी नाम रखना शुरू कर दिया है, गाँधी के वंशज दूसरे लोग है जिन्हे देश ज्यादा नहीं जनता
आज हम आपको गाँधी के एक बेटे के बारे में बताएँगे, ये गाँधी का सगा बेटा था, अपना बेटा था, जिसका नाम न ही मीडिया लेती है और न ही कांग्रेस पार्टी, और ऐसा क्यों ये आज आप इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद समझ जायेंगे
हीरालाल गाँधी - ये गाँधी का सबसे बड़ा बेटा था, जिसका जन्म 1888 में हुआ था और मृत्यु 1948 में हुई थी, गाँधी के 4 बेटे थे जिसमे हीरालाल सबसे बड़ा था, अब इसी हीरालाल के बारे में हम आपको वो जानकारियां देंगे जो आपको नहीं है, हीरालाल होश सँभालने के बाद से ही इस्लाम के प्रति आकर्षित हो गया था, वो शुरू से कम उम्र की लड़कियों और लड़कों के प्रति बुरी दृष्टि रखता था, और अंततः हीरालाल ने इस्लाम अपना भी लिया, और उसने अपना नाम भी बदल लिया
इस्लाम अपनाने के बाद हीरालाल ने अपना नाम अब्दुल्ला रख लिया, और वो अब्दुल्ला के नाम से ही जाना जाने लगा, 1935 में हीरालाल से परेशान होकर गाँधी ने उसे एक पत्र लिखा था, वो पत्र आप नीचे देख सकते है
ये पत्र गुजराती में था, मोहनदास गाँधी ने अपने बेटे हीरालाल को लिखे इस पत्र में उसे डांट लगाई है और गाँधी हीरालाल को कह रहा है की, "मनु ने मुझे तेरे बारे में कई ख़राब बाते बताई है, मनु कहती है की तूने उसका कई बात बलात्कार किया है"
गाँधी ने अपने इस पत्र में गुजराती में "बलात्कार" शब्द का प्रयोग किया है, इसके अलावा भी गाँधी अपने बेटे को सुधर जाने, शराब छोड़ने की बातें लिख रहा है, आपकी जानकारी के लिए बता दें की गाँधी के बेटे को शराब की बहुत बड़ी लत थी, और 1948 में हीरालाल लिवर की बीमारी से ही मरा था, शराब से उसका लिवर ख़राब हो गया था
source - http://www.dainik-bharat.org
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