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आजकल के इंसान भी सच में गिरगिट की तरह रंग-बिरंगे रूप वाले हो गये हैं. अब इंसान ही इंसान की जान के दुश्मन बन गये हैं. बात तब तक छोटी थी जब दुश्मनी किसी और के परिवार से हो, पर यहां तो मामला ही बिगाड़ कर रख दिया इस हैवान ने. हैवान बताये जा रहे इस शख्स ने किसी और को नही बल्कि, अपनी ही पत्नी और बच्चों को मौत के घाट उतार दिया. इसकी कहानी सुन कर आप भी सन्न रह जाएंगे… जानिए आखिर पूरा मामला क्या है. दरअसल, रायपुर में कोरबा जिले में घटी इस दानवीय घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैलाकर रख दी. मामले की सुनवाई के बाद पति शंकर को फांसी की सजा सुनाई गई है. जिसकी घोषणा होते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया. पुलिस रिमांड पर रखे जाने के बाद पूरा मामला खुलकर सामने आ चुका है. जानकारी के अनुसार शंकर की उम्र लगभग 43 साल है. जिस उम्र में लोग अपने बच्चों के शौक पूरे करते हैं, उसी उम्र में इस दरिन्दे ने अपने मासूम और बेगुनाह को मार डाला. चलिए जानते हैं आखिर पूरी ख़बर क्या है…
वजह था पारिवारिक झगड़ा

मामले की गहराई में जाने पर पता चला है कि इस हत्याकांड के पीछे उस शक्स का पारिवारिक झगड़ा था. जिसका खामियाजा दोनो बच्चों को भी भुगतना पड़ा. दरअसल, शंकर एक कैंसर का मरीज है जो अक्सर अपनी बीवी से पैसो की बात को लेकर झगड़ा करता था. करीब 1 सितंबर को फिर से वही विवाद बड़ा रूप ले लिया. उस दिन गणेश चतुर्थी का शुभ दिन था, जब शंकर बिना आव ताव देखे फरसा उठाया और अपनी पत्नी को मारने चल पड़ा. पहुंचते ही उसने पत्नी के शरीर और सिर पर कई वार किए, इसी बीच बच्चे डर से रोने लगे… बच्चों के सामने होते हुए भी उस दरिन्दे ने इतना बड़ा कांड कर डाला.
बच्चों के रोने की आवाज सुनते ही इस मानव रूपी राक्षस के भीतर जैसे दया नाम की कोई चीज़ ही नही बची थी. उसने अपने दोनों बच्चों को भी गला रेतकर मार डाला. जानकारी के मुताबिक उनमें 8 साल का लड़का कुणाल और 13 साल की लड़की नेहा अपनी जान गवां बैठी. ये सारा माजरा पूरी बस्ती के बीच हुआ. जिसके बाद पुलिस ने वारदात पर पहुँचकर शंकर को गिरफ्तार कर लिया. मेले के पावन मैदान में उसने तीन मासूमो की जान ले ली और लोग हाथ पर हाथ धरे सिर्फ देखते रह गये. वहां उन तीनो की रक्षा के लिए कोई आगे नहीं आया.
शंकर को हुई फांसी की सजा

पुलिस की गिरफ्त में रहकर शंकर ने सारा सच सुना दिया. उसका कहना है कि वह रोज पैसों की तंगी में जूझता था जिसमे उसने खुद को कैंसर से पीड़ित बताया. अब अगर वह सच मे कैंसर से पीड़ित रहा तो जेल में ही उसके इलाज की संभावना है पर उसकी दरिंदगी का क्या? इस जानवर ने दो मासूम उम्र वाले बच्चों को बिना किसी जुर्म के इतनी दर्दनाक मौत दे दी. जानकारी के अनुसार यह घटना 1 सितंबर 2014 की है. इस दिन गणेश चतुर्थी के होने के बावजूद भी शंकर के मन मे दया नही आई. इस घटना ने इंसान जाती को शर्मसार कर डाला है. जबकि स्त्री पर हाथ उठाना भी एक अपराध होता है जिसने तो फरसा उठा लिया. फांसी की सजा के बाद भले ही उन तीनों को इंसाफ मिल जाये पर कभी वो वापस नही आ पाएंगे जिस परिवार की लोग कल्पना करते हैं, इस दरिन्दे ने उस परिवार शब्द को ही दाग-तार कर दिया.
source - https://www.newstrend.news
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