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नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने तो सत्ता संभालते ही ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा‘ का नारा दिया था. कालेधन को ख़त्म करने के लिए नोटबंदी जैसा सख्त कदम उठाया गया. हालांकि कांग्रेस, केजरीवाल, ममता बनर्जी व् ओवैसी जैसे कई नेताओं ने काफी चिल्ल-पौं मचाया, मगर पीएम मोदी अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए. कल नोटबंदी की सालगिरह को भी कांग्रेस ने एक काले दिन की तरह मनाते हुए आरबीआई मुख्यालय के सामने धरना दिया, इसके बाद आज एक ऐसी खबर सामने आयी है, जिसने कोंग्रेसियों के तेवर ढीले कर दिए हैं.

ED ने जब्त किया 9,000 करोड़ का कालाधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद भले ही काले कुबेरों ने कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए देश भर में जबरदस्त खेल किये. मगर जो रिपोर्ट सामने आयी है, उसके मुताबिक़ प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 90000000000 रुपये का कालाधन जब्त कर लिया है. ईडी ने 1000 फर्जी कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 9000 करोड़ रुपये का कालाधन जब्त किया है. साथ ही फेमा के तहत 3700 मामले भी दर्ज किए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद भले ही काले कुबेरों ने कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए देश भर में जबरदस्त खेल किये. मगर जो रिपोर्ट सामने आयी है, उसके मुताबिक़ प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 90000000000 रुपये का कालाधन जब्त कर लिया है. ईडी ने 1000 फर्जी कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 9000 करोड़ रुपये का कालाधन जब्त किया है. साथ ही फेमा के तहत 3700 मामले भी दर्ज किए हैं.
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई के तहत नोटबंदी की है. जिसके बाद खुद को शातिर समझते हुए कई कालकुबेरोन ने अपना व् कई नेताओं का कालाधन सफ़ेद करने की कोशिशें की, मगर नाकाम हो गए.
कई नेता और प्रभावशाली लोग जांच के लपेटे में
कालेधन से बनी अनेक अहम संपत्तियों की जांच लगातार जारी है. कई नेताओं और प्रभावशाली लोगों की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कि मनी लांड्रिग के तहत कालेधन को ठिकाने लगाने में शैल (कागजी) कंपनियों की 48 प्रतिशत भूमिका रही. इसके अलावा कालेधन को ठिकाने लगाने में रियल एस्टेट की 35 प्रतिशत और सोने-चांदी की 7 प्रतिशत भूमिका रही.
कालेधन से बनी अनेक अहम संपत्तियों की जांच लगातार जारी है. कई नेताओं और प्रभावशाली लोगों की जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कि मनी लांड्रिग के तहत कालेधन को ठिकाने लगाने में शैल (कागजी) कंपनियों की 48 प्रतिशत भूमिका रही. इसके अलावा कालेधन को ठिकाने लगाने में रियल एस्टेट की 35 प्रतिशत और सोने-चांदी की 7 प्रतिशत भूमिका रही.
ईडी ने 1000 से ज्यादा शैल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक़ कागजी व् फर्जी कंपनियां ही भ्रष्टाचार की मसीहा बनी थी. ईडी की जांच में 1660 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिग के मामले सामने आए हैं. ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता के एक ऐसे मामले के बारे में बताया है, जिसने सबको हैरत मे डाल दिया, जांच में पता चला कि ममता अंधेर नगरी में कोलकाता का एक सीए 800 से ज्यादा फर्जी कंपनियों की बैलेस सीट पर साइन करता था.
अब ईडी दिल्ली के लुटियन जोन समेत कई अहम जगहों की संपत्ति की जांच कर रही है, जिसमे देश के कई बड़े नेताओं की सम्पत्तियाँ भी शामिल हैं. यही कारण है कि कोंग्रेसी नेता एक बार फिर से बौखलाए-बौखलाए घूम रहे हैं और पीएम मोदी पर कीचड उछाल रहे हैं, मगर पीएम मोदी के तेवर देख कर साफ़ पता चलता है कि ना वो झुकने वाले हैं और ना रुकने वाले हैं.
source - http://politicalkhabar.in
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