Featured post

loading...
loading...

जिद्दी चीन को एक बार भारत ने फिर दिया मुहंतोड़ जवाब – भड़कता चीन हो गया मिनटों में ढीला


भारत ने एक बार फिर चीन को ऐसा जवाब दिया है, जिसकी चीन ने कभी उम्मीद नहीं की थी l मोदी सरकार ने एक बार फिर चीन को ये बता दिया कि उसकी जो जिदें पहले चल रही थीं, अब वैसा नहीं हो सकता l आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा था, जिस पर भारत ने चीन को शांति का पाठ पढ़ाया था l
भारत को चीन के प्रेजिडेंट शी जिनपिंग के नए कार्यकाल में दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता की उम्मीद है और इधर अपने नए कार्यकाल की शुरुआत में ही चीन के राष्ट्रपति ने आक्रामक तेवर दिखलाए हैं। शी जिनपिंग ने चीन की सेना को युद्ध जीतने के तरीकों पर काम करने का निर्देश दिया तो दूसरी तरफ भारत की तरफ से इस मामले में संयमित रुख सामने आ रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि वन बेल्ट वन रोड और कश्मीर पर हमारा रुख साफ है। उन्होंने कहा कि  ‘हमारा रुख बदला नहीं है। हम वैसी कनेक्टिविटी चाहते हैं जिसमें खुलापन हो, आजादी हो और जिसमें सबकी बराबर की भागीदारी हो।’ ‎
डोकलाम में सैनिकों का जमावड़ा है और क्या चीनी सेना ने भारत को इस बारे में बताया है? इस सवाल के जवाब में रवीश कुमार ने कहा कि एक न्यूज रिपोर्ट में चीन के सैनिकों का चीन की सीमा के अंदर कथित जमावड़ा बताया गया है।
उन्होंने कहा कि जिस जगह पर भारत और चीन के सैनिक आमने सामने हुए थे उसमें 28 अगस्त को आमना-सामना खत्म होने के बाद कोई बदलाव नहीं आया है और यथास्थिति अभी भी कायम है। उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई भी अटकल लगाना गलत है।
अमेरिका में ट्रम्प के आने के बाद अब भारत से संबंधों में गर्मजोशी साफ़ देखी जा सकती है l इन संबंधों में अब भारतीय सेना को भी फायदा होने लगा है l हाल ही में अमेरिका ने भारतीय नौसेना को एक ऐसा खतरनाक हथियार देने का फ़ैसला किया है, जिसको मिलने के बाद भारतीय नौसेना बेहद मज़बूत हो जाएगी l
कांग्रेस ने अपने 60 साल के राज में भारतीय सेना की हालत बद से बदतर करके छोड़ी हुई थी l हथियारों के नाम पर देश में पाकिस्तान या चीन से लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद तक नहीं था l रक्षा सौदों के नाम पर देश की जनता के टैक्स के पैसों की खुलकर लूट की जा रही थी और इसी वजह से 2014 में पीएम बने नरेंद्र मोदी ने सेना को ताकतवर बनाने को अपनी प्राथमिकता बनाया l
विदेशी दौरे कर-करके ताकतवर देशों के साथ सम्बन्ध मजबूत किये और इसी का तोहफ़ा आज देश के सामने आया है, जब अमेरिका ने दुनिया के सबसे ताकतवर हथियार को भारत को देने का फ़ैसला किया है l
अमेरिकी नौसेना ने लॉंज नाम के एक अत्यंत घातक लेजर हथियार का सफल परीक्षण किया है और इस हथियार का इस्तेमाल थल सेनाएं भी कर सकती हैं l ये दुनिया का एकमात्र ऐसा हथियार है, जिसके सामने अन्य सभी हथियार फेल हो जाते हैं और यहाँ तक कि सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल भी इसका सामना नहीं कर सकती l
एक अमेरिकी वेबसाइट के मुताबिक ‘लॉज’ हवा के साथ-साथ जमीन और समुद्री सतह पर मौजूद लक्ष्यों को भी निशाना बनाने में सक्षम है। यह अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइलों से 50 हजार गुना तेज रफ्तार से लेजर किरणें छोड़ता है। अमेरिकी नौसेना ने अपने यूएसएस पोंस जहाज पर इसकी तैनाती की है।
जहाज के कप्तान क्रिस्टोफर वेल्स ने बताया कि ‘लॉज’ से निकलने वाली लेजर किरणें बुलेट से ज्यादा सटीक और गंभीर वार करती हैं। इनका तापमान कई हजार डिग्री सेल्सियस होता है। परीक्षण के दौरान इन्हें जिस ड्रोन पर दागा गया, वह पल भर में धूं-धूं कर जल उठा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि शी जिनपिंग के दोबारा कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी चुने जाने पर प्रधानमंत्री ने बधाई दी है और हम उम्मीद करते हैं कि पार्टी कांग्रेस की दिशा और नीति द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाएगी, स्थिरता और शांति को भी आगे बढ़ाएगी।
आपको बता दें कि दूसरी बार चीन के प्रेसिडेंट बनने के बाद शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि चीन की सेना से कहा कि वह जंग के लिए तैयार रहे। गौरतलब है कि चीन की सेना में इस वक़्त 23 लाख जवान और अफसर हैं और यह दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी है।
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में इस हफ़्ते ही जिनपिंग को बतौर प्रेजिडेंट दूसरा टर्म दिया गया है। हॉन्ग कॉन्ग के साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट अखबार की ख़बर के मुताबिक़ शीर्ष सैन्य अधिकारियों की गुरुवार रात हुई बैठक में शी ने उन्हें पार्टी के प्रति वफादार रहने का आदेश दिया और इसके साथ ही जंग जीतने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने, नए सुधारों की शुरुआत करने, सैन्य इकाई का प्रबंधन वैज्ञानिक तरीकों से करने और सख्त से सख्त मानदंडों के अनुरुप सैनिकों का नेतृत्व करने को भी कहा।
विदेश नीति पर आम जनता के सवालों का सरल ढंग से जवाब देने के मकसद से प्रवक्ता ने अपने ट्विटर हैंडल @MEAIndia पर शुक्रवार को लाइव सीरीज की शुरुआत की।
इसमें एक सवाल पूछा गया कि चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत और जापान किस तरह जुड़ रहे हैं ? इस पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत और जापान संबंध चीन के मुकाबले के लिए नहीं, बल्कि अपने मेरिट पर खड़े हैं।
source - http://newsspirit.com

Comments

loading...