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अमेरिका ने किया भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार देने का ऐलान, पाक-चीन में हड़कंप


अमेरिका में ट्रम्प के आने के बाद अब भारत से संबंधों में गर्मजोशी साफ़ देखी जा सकती है l इन संबंधों में अब भारतीय सेना को भी फायदा होने लगा है l हाल ही में अमेरिका ने भारतीय नौसेना को एक ऐसा खतरनाक हथियार देने का फ़ैसला किया है, जिसको मिलने के बाद भारतीय नौसेना बेहद मज़बूत हो जाएगी l
कांग्रेस ने अपने 60 साल के राज में भारतीय सेना की हालत बद से बदतर करके छोड़ी हुई थी l हथियारों के नाम पर देश में पाकिस्तान या चीन से लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद तक नहीं था l रक्षा सौदों के नाम पर देश की जनता के टैक्स के पैसों की खुलकर लूट की जा रही थी और इसी वजह से 2014 में पीएम बने नरेंद्र मोदी ने सेना को ताकतवर बनाने को अपनी प्राथमिकता बनाया l
विदेशी दौरे कर-करके ताकतवर देशों के साथ सम्बन्ध मजबूत किये और इसी का तोहफ़ा आज देश के सामने आया है, जब अमेरिका ने दुनिया के सबसे ताकतवर हथियार को भारत को देने का फ़ैसला किया है l
अमेरिकी नौसेना ने लॉंज नाम के एक अत्यंत घातक लेजर हथियार का सफल परीक्षण किया है और इस हथियार का इस्तेमाल थल सेनाएं भी कर सकती हैं l ये दुनिया का एकमात्र ऐसा हथियार है, जिसके सामने अन्य सभी हथियार फेल हो जाते हैं और यहाँ तक कि सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल भी इसका सामना नहीं कर सकती l
एक अमेरिकी वेबसाइट के मुताबिक ‘लॉज’ हवा के साथ-साथ जमीन और समुद्री सतह पर मौजूद लक्ष्यों को भी निशाना बनाने में सक्षम है। यह अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइलों से 50 हजार गुना तेज रफ्तार से लेजर किरणें छोड़ता है। अमेरिकी नौसेना ने अपने यूएसएस पोंस जहाज पर इसकी तैनाती की है।
जहाज के कप्तान क्रिस्टोफर वेल्स ने बताया कि ‘लॉज’ से निकलने वाली लेजर किरणें बुलेट से ज्यादा सटीक और गंभीर वार करती हैं। इनका तापमान कई हजार डिग्री सेल्सियस होता है। परीक्षण के दौरान इन्हें जिस ड्रोन पर दागा गया, वह पल भर में धूं-धूं कर जल उठा।
क्रिस्टोफर ने दावा किया कि दुश्मन देशों के विमानों और जहाजों के लिए ‘लॉज’ के हमले से बच पाना आसान नहीं होगा। इससे निकलने वाली लेजर किरणें विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम के अदृश्य क्षेत्र में आती हैं। नतीजतन इन्हें देखना मुश्किल होता है। यही नहीं, ‘लॉज’ से जरा-सा भी शोर नहीं होता। यह चुपचाप अपने लक्ष्य को आग के गोले में तब्दील कर देता है।
क्रिस्टोफर ने बताया कि ‘लॉज’ के संचालन के लिए तीन विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है। यह हथियार लेजर किरणें छोड़ने के लिए बिजली पर निर्भर है। बिजली उत्पादन के लिए इसमें एक छोटा जनरेटर लगाया गया है।
यह हथियार अपने दुश्मन को पहचान कर प्रकाश की गति से लक्ष्य पर लेजर बीम फेंकता है l इस हथियार से निकली बीम इतनी घातक होती है कि वो दुश्मन को पलभर में मोम की तरह पिघला देती है, भले ही वो कोई हमलावर जहाज हो या कोई मिसाइल l इसकी चपेट में जो एक बार आ गया, तो फिर उसका बचना नामुमकिन है l
लॉंज से निकली लेजर बीम की गति इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की गति से भी 50 हजार गुना तेज और तापमान भी कई हजार डिग्री होता है l प्रकाश की गति और अत्यधिक ऊर्जा वाली इन लेजर बीम के संपर्क में आते ही बड़े से बड़ा जहाज या मिसाइल हवा में ही मोम की तरह पिघल जाता है l आपको बता दें कि इस हथियार को जमीन और पानी कहीं से भी चलाया जा सकता है l
एक और ख़ास बात ये भी है कि इसे चलाने में ना तो कोई आवाज होती है और ना ही इसे देखा जा सकता है l प्रकाश की गति से निकलने वाली लेज़र को पकड़ना तो नामुमकिन है ही l
अब इस हथियार के सफल परीक्षण से दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है लेकिन मगर ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया है कि विश्व पटल पर उभर कर आ रहे भारत को ही यह हथियार बेचेंगे, किसी अन्य देश को नहीं l डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच इस बारे में बात हो चुकी है l
इस सौदे के बारे में जानकारी के बाहर आते ही चीन के कान खड़े हो गए हैं, क्योंकि इस हथियार के मिलते ही चीन की एयरफोर्स और जल व् थलसेना भारत के सामने बेकार साबित होंगे l चीनी एयरफोर्स के जहाज़ों की धज्जियां उड़ाने में भारत को पलभर का समय लगेगा, यानि एशिया में भारत को टक्कर देने वाला कोई नहीं होगा
source - http://newsspirit.com

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