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अकबर का मकबरा मुघलो के लिए सम्मान का प्रतिक था..लेकिन एक ऐसा वीर था जिसने ओरंगजेब की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए मुघलो के उस सम्मानित प्रतिक को नुक्सान पहुचाया था…वीर राजाराम जाट ने अकबर के मकबरे को नुक्सान पहुंचाकर उसमे से अकबर की अस्थियाँ निकाली थी और उनको जला दिया था..
जानिये राजाराम के बारे में
बादशाह औरंगजेब की हिन्दू धर्म विरोधी नीति व मथुरा व वृन्दावन के देवमन्दिरों को ध्वस्त करने के चलते उत्तेजित जाटों ने गोकुला के नेतृत्व में संगठित होकर स्थानीय मुग़ल सेनाधिकारियों से डटकर मुकाबला किया था | उनसे लड़ते हुए अनेक मुग़ल मनसबदार मारे गए | जाटों ने गांवों का लगान देना बंद कर दिया | मुग़ल सेना से लड़ते हुए गोकुला के मारे जाने पर सिनसिनी गांव के चौधरी भज्जाराम के पुत्र राजाराम जो अप्रतिम वीर एवं योद्धा था ने उस विद्रोह का नेतृत्व संभाला |
जानिये राजाराम के बारे में
बादशाह औरंगजेब की हिन्दू धर्म विरोधी नीति व मथुरा व वृन्दावन के देवमन्दिरों को ध्वस्त करने के चलते उत्तेजित जाटों ने गोकुला के नेतृत्व में संगठित होकर स्थानीय मुग़ल सेनाधिकारियों से डटकर मुकाबला किया था | उनसे लड़ते हुए अनेक मुग़ल मनसबदार मारे गए | जाटों ने गांवों का लगान देना बंद कर दिया | मुग़ल सेना से लड़ते हुए गोकुला के मारे जाने पर सिनसिनी गांव के चौधरी भज्जाराम के पुत्र राजाराम जो अप्रतिम वीर एवं योद्धा था ने उस विद्रोह का नेतृत्व संभाला |
राजाराम ने बादशाह के खालसा गांव में जमकर लूटपाट की एवं दिल्ली आगरा के बीच आवागमन के प्रमुख मार्गों को असुरक्षित बना दिया |जो भी मुग़ल सेनापति उसे दबाने व दण्डित करने के लिए भेजे गए वे सब पराजित होकर भाग छूटे |
Source - http://tufanipost.com
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