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सेक्युलर होके देश के खिलाफ बोलने से अच्छा है सांप्रदायिक होके देश के पक्ष में बोलो : परेश रावल

सेक्युलर होके देश के खिलाफ बोलने से अच्छा है सांप्रदायिक होके देश के पक्ष में बोलो : परेश रावल

सेक्युलर होके देश के खिलाफ बोलने से अच्छा है सांप्रदायिक होके देश के पक्ष में बोलो : परेश रावल  बता दें की पिछले दिनों देश की एक वामपंथी महिला अरुंधति रॉय ने पाकिस्तानी न्यूज़ पेपर से बात करते हुए कहा था की, भारत कश्मीर में 7 लाख तो क्या 70 लाख की फ़ौज लगा दे तो भी कश्मीर को आज़ाद होने से नहीं रोक सकता, कश्मीर आज़ाद होके रहेगा
इसपर परेश रावल ने अरुंधति रॉय की आलोचना की थी, देखें उनका ट्वीट
इसपर परेश रावल ने अरुंधति रॉय की आलोचना की थी, देखें उनका ट्वीट
70 lakh Indian army can't defeat azadi gang of Kashmir - Arundhati Roy .Her birth certi in fact is a regret letter from maternity ward .
Paresh Rawal turning ugly. What is it with BJP that they have got to abuse or denigrate another person not agreeing with them https://twitter.com/SirPareshRawal/status/864811089489518593 


अब इसके बाद देश के सेकुलरों ने परेश रावल की आलोचना शुरू कर दी, और परेश रावल बदसूरत (सांप्रदायिक) बताया
देखें इसको जवाब देते हुए परेश रावल ने क्या कहा

परेश रावल ने कहा की, मैं देश के पक्ष में बोलने वाला बदसूरत (सांप्रदायिक) होना पसंद करूँगा, सेक्युलर होकर देश के खिलाफ जहर उगलने से अच्छा है की सांप्रदायिक होकर देश के पक्ष में बोला जाये
बता दें की अरुंधति रॉय, बरखा दत्त, कन्हैया कुमार, उमर खालिद जैसे लोग स्वयं को सेक्युलर बताते है वहीँ सभी राष्ट्रवादी इनको सांप्रदायिक ही लगते है
Source - http://www.dainikakhbar.com

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