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अयूब पंडित पर चुप्पी और जुनैद पर शोर, सेक्युलर लोगों ने हद मचा दी दोगलेपन में : डॉ चंद्रा
अवार्ड वापसी सीजन 2 की शुरुवात हो चुकी है गौरक्षको के विरोध में शबनम हंश्मी नाम की महिला ने कांग्रेस सरकार के दौरान मिले अवार्ड को वापस कर दिया है
पिछले दिनों बल्लभगढ़ में ट्रैन में सीट को लेकर 2 गुटों में झगड़ा हुआ, जिसमे जुनैद नाम के 1 शख्स की मौत हो गयी, फिर क्या था सेक्युलर मीडिया और बुद्धिजीवियों ने इसे मुद्दा बना दिया और इसमें “गौमांस” की भी झूठी खबर चला दी
टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, NDTV इन सबने इस सीट को लेकर हुए लड़ाई में गौमांस घुसा दिया और हिन्दुओ को अत्याचारी घोषित कर दिया और दोगलेपन की हद तो तब हो गयी जब आज शबनम हाश्मी ने जुनैद मामले में अपना अवार्ड वापस किया
आतंकवाद, पत्थरबाजी के खिलाफ नहीं बल्कि सीट को लेकर हुए लड़ाई में मुस्लिम शख्स की मौत पर अवार्ड वापस कर दिया
अब इसके बाद देखें राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने क्या बयान दिया है
One lynching finds editorial space & front page, while other is ignored. And, when people call them ‘pseudo-secular’ they have problems!
2 lynching incidents, one of J&K Policeman, other of citizen in train, both highly condemnable but I’m shocked to see the selective outrage
डॉ चंद्रा ने कहा की, अभी हाल ही में 2 मामले आये है जहाँ मार मार कर किसी शख्स की जान ली गई है
एक तो श्रीनगर में अयूब पंडित और दूसरा ये जुनैद का मामला
डॉ चंद्रा ने कहा की, अयूब पंडित के मामले पर सेक्युलर तबके ने चुप्पी साधी हुई है, वहीँ जुनैद के मामले में शोर मचाया जा रहा है, जुनैद के मामले पर लम्बे लम्बे लेख लिखे जा रहे है वहीँ अयूब पंडित पर चुप्पी, ये तो हद ही हो गयी
और जब इन लोगों के इस दोगले सेकुलरिज्म पर कोई सवाल उठाता है तो इनको बुरा लग जाता है
आपको बता दें अयूब पंडित को मारने वाले अल्लाह हु अकबर के नारे लगा रहे थे, वो नमाज़ पढ़कर मस्जिद से निकले हुए दरिंदे थे इसलिए ये सेक्युलर मीडिया बिलकुल खामोश है
source: http://www.dainikbharat.net/2017/06/db_256.html
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