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इस्लाम में फैला भेदभाव दिखता नहीं, पर हिन्दुओ में फुट डालने निकला है जिहादी ओवैसी
ओवैसी जैसे जिहादियों को एक बहुत ही बुरी आदत है, और वो ये की ये अपना घर नहीं देखते
अपने समाज में नहीं झांकते पर हिन्दुओ के घरों में जरूर झांकते है, चाहे ओवैसी जैसे नेता हो या आमिर खान जैसे अभिनेता
ओवैसी दलितों को मुर्ख बनाने के लिए बड़ा दलित प्रेमी बनता है, इन लोगों ने जय भीम जय मीम का भी नारा बनाया हुआ है, जबकि केरल से लेकर बंगाल तक, और यूपी से लेकर बिहार तक
मीम वाले सबसे अधिक जुल्म भीम वालो पर ही करते है
खैर, दलितों को भ्रमित और हिन्दुओ से अलग करने के लिए ओवैसी बार बार एक मुद्दा उठाता है की, दलितों को मंदिरो में भी नहीं जाने नहीं दिया जाता, दलितों पर बड़ा अत्याचार होता है
नोट : हम ये नहीं कह रहे की ऐसा नहीं है, कहीं कहीं ऐसा है, पर 90% जगहों पर, 99% मंदिरों में ऐसी कोई समस्या नहीं है अब हम ओवैसी का ध्यान भी एक तरफ आकर्षित करना चाहेंगे, ओवैसी भी ये बात अच्छी तरह जानता है, पर अपने घर में थोड़े झांकेगा, इस्लाम में अंदर तक जो भेदभाव है उसपर थोड़ी जबान खोलेगा
आपको हम बता दें की, मुस्लिमो में कई तरह के मुस्लिम होते है, मुख्यतः ये सुन्नी शिया और अहमदिया हैं
और आपको जानकार ताज्जुब होगा की, इन सभी की मस्जिदे अलग अलग होती है
जी हां, सुन्नियों की मस्जिद में शियाओं का आना बैन है
शियाओं की मस्जिद में सुन्नियों का आना बैन है, और अहमदिया तो न शिया मस्जिद में जा सकते है न सुन्नी मस्जिद में
बाकायदा कई मस्जिदों पर ये लिखा भी रहता है की, ये सुन्निओं का मस्जिद है शिया प् प्रवेश निषेध है, तो कहीं लिखा रहता है की, ये शिया मस्जिद है, सुन्नी दूर रहे
और एक और बड़ी चीज ये की, इन सभी मस्जिदों में औरतों का प्रवेश तो बिलकुल भी निषेध है
पर ओवैसी को अपने घर में ये सब नहीं दीखता, ये चले है हिन्दुओ में फुट डालने
Source - http://www.dainikakhbar.com
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