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बड़ी खबर: राजीव गांधी के हत्यारे ने मोदी सरकार को दी बड़ी धमकी, मचा पूरे देश में हडकंप…
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के प्रमुख दोषियों में से एक श्रीलंकाई नागरिक रॉबर्ट पायस ने 21 जून, 2017 को तमिलनाडु सरकार को एक चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की मांगी है। रॉबर्ट ने राज्य के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को लिखा है, ‘मुझे दया के आधार पर मौत दे दी जाए और मेरे शव को मेरे परिवार को सौंप दिया जाए।’ पीटीआई के हवाले से कहा गया कि ये दया याचिका पुझल जेल अधिकारियों के माध्यम से सरकार को भेजी गई है।
राजीव गांधी के हत्यारे ने लगाई दयामृत्यु की गुहार :
रॉबर्ट पायस को राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा दी गई है। 27 साल से जेल में बंद रॉबर्ट ने तमिलनाडु सरकार को चिट्ठी लिखकर दयामृत्यु मांगी है। उनका कहना है कि वो पिछले 27 साल से जेल में हैं और अब इतने सालों बाद उन्हें अपनी जिंदगी का कोई मकसद नहीं दिख रहा। जिसकी वजह से वो इच्छामृत्यु मांग रहे हैं।
रॉबर्ट ने अपने पत्र में लिखा कि मैं पिछले 27 सालों से जेल में बंद हूं। इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है मैं समझ सकता हूं। इतने सालों में मेरे परिवार का कोई सदस्य मुझे मिलने भी नहीं आया इसलिए अब मेरी जिंदगी का कोई मकसद नहीं रह जाता है। चिट्ठी में रॉबर्ट ने ये भी लिखा है कि 1999 में जब उसे दोषी ठहराया गया था तब भी एक जज ने कहा था कि मैं निर्दोष हूं।
पायस ने पूर्व की यूपीए सरकार पर आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार पर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं बचता। उन्होंने मेरी रिहाई पर रोक लगा रखी है। जेल में इतने सालों तक बंद रहने की वजह से ना केवल मुझे बल्कि मेरे परिवार को भी सजा मिली है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने भी इन दोषियों को रिहा करने की वकालत की थी।
आपको बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी जनसभा में हुए आत्मघाती हमले में हो गई थी। हत्या की इस साजिश में लिट्टे (LTTE) के शामिल होने की बात सामने आई थी। इस मामले में कोर्ट ने नलिनी और उसके पति मुरुगन सहित तीन दोषियों को 28 जनवरी, 1998 में मौत की सजा सुनाई थी।
Source - http://rajivayurveda.com
आपको बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 में तमिलनाडु में एक चुनावी जनसभा में हुए आत्मघाती हमले में हो गई थी। हत्या की इस साजिश में लिट्टे (LTTE) के शामिल होने की बात सामने आई थी। इस मामले में कोर्ट ने नलिनी और उसके पति मुरुगन सहित तीन दोषियों को 28 जनवरी, 1998 में मौत की सजा सुनाई थी।
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