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बीजेपी ने निकाला कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने का रास्ता, महबूबा समेत कांग्रेस के भी उड़े होश
खबर है कि भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का तोड़ निकाल दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि सिर्फ 5 मिनट के अंदर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म कर दी जाएगी. स्वामी के मुताबिक़ राष्ट्रपति ऐसा कर सकते हैं और इसके लिए किसी की राय व् मंजूरी की भी आवश्यकता नहीं है, सिर्फ राष्ट्रपति विज्ञप्ति जारी कर इसे खत्म कर सकते हैं.
माना जा रहा है कि यदि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जीत मिलती है, तो कश्मीर से धारा 370 हटाना आसान हो जाएगा. स्वामी ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि धारा 370 देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भूल का नतीजा है. जिसका परिणाम केवल कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरा देश भुगत रहा है. स्वामी ने दावा किया कि वो सिर्फ मौका तलाश रहे हैं और मौक़ा मिलते ही धारा 370 को पांच मिनट में खत्म करवा देंगे.
एक ही हैं हिन्दू और मुस्लिम !
सुब्रमण्यम स्वामी एक बार फिर अपने तीखे तेवरों के साथ मीडिया की सुर्खियों में लौट आए हैं. देहरादून से उन्होंने राम मंदिर, बाबरी मस्जिद, धारा 370, तीन तलाक, सिविल कोड और पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण रिश्तों जैसे कई अहम् मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी और वहां मौजूद पत्रकारों को हैरत में डाल दिया.
देहरादून में विश्व संवाद केंद्र ने नारद जयंती समारोह का आयोजन किया था, इसी समारोह में शिरकत करने के लिए पहुंचे डॉक्टर स्वामी ने कहा कि हिन्दू और मुस्लिम एक ही हैं, दोनों के पूर्वज हिन्दू ही थे और दोनों के डीएनए भी एक ही हैं. कमी केवल हिन्दू में है, यदि वह अपना स्टैण्ड क्लियर कर दे तो मुस्लिम भी उनके साथ आए जाएंगे.
2018 में जरूर बनेगा श्री राम मंदिर !
वहीँ अयोध्या में राम मंदिर बनाये जाने के मुद्दे पर डॉक्टर स्वामी ने कहा कि वो 7 जून को अयोध्या में आम सभा करने जा रहे हैं. वो श्री राम मंदिर को लेकर देश में आम सहमति बनवाएंगे और तब तक ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में जारी रहेगी. उन्होंने दावा किया कि अगले साल से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा.
मस्जिद के बारे में उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मस्जिदों को शिफ्ट किया जाता है, वैसे ही इस मस्जिद को भी शिफ्ट कर देंगे. मस्जिद को धार्मिक आस्था से जोड़ना ठीक नहीं, क्योंकि इस्लाम में मूर्ति पूजा वर्जित है. मस्जिद तो केवल नमाज़ पढ़ने की एक जगह है और उसकी तुलना प्राण-प्रतिष्ठा द्वारा स्थापित किये गए मंदिर से नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि ये एक सामाजिक मुद्दा है, अतः इस धर्म से जोड़कर देखना ठीक नहीं है. सरयू पार काफी खाली जमीन है, वहीं मस्जिद बनवा दी जाए.
Source - http://indianakhbar.com
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