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ट्रिपल तलाक पर मौन
रहने वालों को योगी आदित्यनाथ ने लताड़ा, द्रौपदी का चीरहरण का दिया उदाहरण

ट्रिपल तलाक पर
योगी आदित्यनाथलखनऊ: त्रिपल
तलाक के मुद्दे
पर पीएम मोदी
के बयान के
बाद अब योगी
आदित्यनाथ ने भी
बड़ी बयान दिया
है। उन्होंने कहा
कि कुछ लोग
इस पर मौन
हैं वे इसके
लिए समान रूप
से दोषी हैं
इसके लिए उन्होंने
द्रोपदी का चीरहरन
का उदाहरण दिया
था। योगी आदित्यनाथ
चंद्रशेखर की जयंती
पर किताब विमोचन
के कार्यक्रमों में
बोल रहे थे
योगी आदित्यनाथ ने
यह भी कहा
कि चंद्रशेखर ने
कहा कि जब
हमारे मामले समान
हैं तो शादी
ब्याह के कानून
भी समान क्यों
हो सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने
कहा कि अगर
देश एक है
तो देश में
आम नागरिक कोड
क्यों नहीं है।
चंद्रशेखर भी समान
कानून के पक्षधर
थे
महाभारत का किया जिक्र
मुख्यमंत्री
ने पूर्व प्रधान
मंत्री चंद्रशेखर की 91 वीं
शताब्दी पर आयोजित
कार्यक्रम में तीन
तलाक के मुद्दे
का उल्लेख करते
हुए कहा कि
इन दिनों में
एक नई बहस
चली आ रही
है। कुछ लोग
देश के इस
ज्वलंत समस्या के बारे
में मुंह बंद
किए हैं, तो
मुझे महाभारत का
वह सभा याद
आती है, जब
द्रौपदी का चीरहरण
हो रहा था,
तब द्रौपदी ने
उस भरे सभा
से एक सवाल
पूछा था कि
आखिर इस पाप
का दोषी कौन
है तब कोई
बोल नहीं पाया,
केवल विद्वान ने
कहा कि एक
तिहाई दोषी व्यक्ति
हैं, जो यह
अपराध कर रहे
हैं, एक तिहाई
दोषी लोग हैं,
जो उनके सहयोगी
हैं, और तिहाई
वे हैं जो
इस घटना पर
मौन है। उन्होंने
कहा, मुझे लगता
है कि देश
का राजनीतिक क्षितिज
तीन तलाक के
बारे में मौन
बना हुआ है
सच पूछें तो
यह स्थिति पूरी
व्यवस्था में कठोर
खड़ा है। अपराधियों
के साथ उनके
सहयोगी और मौन
लोग भी योगी
का यह बयान
ओल इंडिया मुस्लिम
पर्सनल ला बोर्ड
द्वारा रविवार को तीन
तलाक की व्यवस्था
में कोई परिवर्तन
नहीं करने के
फैसले का पालन
करना काफी महत्वपूर्ण
माना जा सकता
है।
सामान्य नागरिक कोड का भी ज़िक्र
योगी ने कॉमन
सिविल कोड भी
जिक्र किया। उन्होंने
कहा कि चंद्रशेखर
ने भी कहा
कि देश में
एक सीवीएल कोड
बनाने की जरूरत
है। जब हमारे
मामले समान हैं,
तो शादी ब्याह
के कानून भी
समान क्यों हो
सकता है उन्होंने
कहा- आम नागरिक
कोड के बारे
में उनकी धारणा
स्पष्ट है। उनके
लिए अपनी विचारधारा
नहीं बल्कि उनके
लिए राष्ट्र महत्वपूर्ण
है हमारे राजनीति
में राष्ट्रीय हितों
पर हमला करने
के लिए नहीं
बल्कि राष्ट्र और
संविधान के दायरे
में होना चाहिए।
जिस दिन हम
इस दायरे में
रहकर काम शुरू
करेंगे तो ऐसा
टकराव का नौबट
ही नहीं आएगा
और देश में
कोई कानून नहीं
होगा, तो आप
के पास कोई
डर नहीं है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी किया था ज़िक्र
पूर्व में पीएम
मोदी ने ओडिशा
के भुवनेश्वर में
आयोजित दो दिवसीय
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी
दिन रविवार को
कहा कि मुस्लिम
बहनें तकलीफ में
हैं उनके साथ
न्याय होना चाहिए
उन्होंने कहा कि
इस मुद्दे पर
बीजेपी का रुख
एक दम साफ
है।
अखिल भारत मुस्लिम
पर्सनल लॉ बोर्ड
ने दावा किया
कि देश में
शरिया कानूनों में
किसी तरह का
हस्तक्षेप नहीं हो
सकता है साथ
ही हिन्दुस्तान के
अधिकांश मुसलमान मुस्लिम पर्सनल
लॉ में किसी
तरह का बदलाव
नहीं चाहते हैं।
बोर्ड ने कहा
कि मुसलमानों के
बदले मुसलमानों के
बदले में संपत्ति
का हिस्सा, तलाकशुदा
महिला की मदद
की जाए बोर्ड
तीन तलाक की
पाबंदी के खिलाफ
है बोर्ड ने
कहा कि बाबरी
मस्जिद के मुद्दे
पर उच्चतम न्यायालय
के फैसले को
मानेंगे।
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