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यदि तुम्हारा कोई अंग टूटा-फूटा है तो जाना हनुमान जी की इस मंदिर में, होता है टूटे अंगों का इलाज


 
यदि तुम्हारा कोई अंग टूटा-फूटा है तो जाना हनुमान जी की इस मंदिर में, होता है टूटे अंगों का इलाज
चतुर्थ महीना में पड़ने वाली पूर्णिमा को पूरे देश में धूम-धाम से हनुमान जयंती मनायी  जाती  है। इस बार हनुमान जयंती 11 अप्रैल को मनाई गयी भारत में हनुमानजी के बहुत सारे मंदिर हैं, लेकिन देश में एक ऐसा हनुमान मंदिर है, जहां जाने वालों का टूटी-फूटी हड्ड़िया  जुड़ जाती हैं। तुम बताओ यह हनुमान मंदिर से कटनी से 35 किलोमीटर दूर मोहास गांव में स्थित है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए लोग दर्द से करहते हुए आते हैं, लेकिन जाने पर उनके चेहरे पर मुस्कान आने   लगती हैं।
मंगलवार और शनिवार को जूटती है अधिक भीड़:

ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में दर्शन करता है उसकी टूटी हुई हड्डिया  स्वयं जो जुड़ती  हैं इस मंदिर में किसी भी अस्पताल से भी ज्यादा भीड़ लगती है। हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। इस मंदिर में रोज़ कुछ अलग ही देखने को मिलता है किसी को स्ट्रेचर पर लाया जाता है तो किसी को एम्बुलेंस में किसी-कुछ तो पीठ पर लादकर भी लोगों को लाता है

पीड़ितों को खिलाई  जाती है कोई औषधि:

यहां पर हनुमान जी को हड्डी जोड़ने वाला हनुमान जी कहा जाता है। मंदिर परिसर में घुसते ही सभी को आंख बंद कर राम-नाम का जाप करने के लिए कहा जाता है। जब पीड़ित व्यक्ति आंख बंद करता है तो तभी वहां के साधु अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सभी लोगों को कोई औषधि खिलाती है। यह पूरी तरह प्राकृतिक औषधि होता है और पीड़ित को यह चबाकर खाने की सलाह दी जाती है औषधि के खाने के बाद उन्हें घर जाने के लिए कहा जाता है और कहा जाता है कि औषधि प्रभाव और हनुमान जी के आशीर्वाद से अपने हडियां जुड़ जाती  हैं।

औषधि का कोई शुल्क नहीं लिया जाता



यहां हर दिन औषधि दी जाती है लेकिन मंगलवार और शनिवार को औषधि का प्रभाव कुछ ज्यादा ही होता है। इस कारण से शनिवार और मंगलवार का दिन यहां पर भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है। औषधि के यहां कोई कीमत नहीं है लेकिन भक्त अपनी श्रद्धा से मंदिर में रखी दान पेटी में कुछ डाल दें। मंदिर के बाहर दुकानों पर बड्डी का दर्द ठीक करने वाले तेल भी मिलते हैं, जिनकी कीमत 50-100 रूपये होती है। आज तक इस मंदिर में आने वाला कोई भी व्यक्ति निराश होकर  वापस नहीं लौटा है।


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